तेरे ख़्यालों में रहना अच्छा लगता है । यादों के दरिया में बहना अच्छा लगता है ।। तेरे​ दिल में सांसें लेना अच्छा लगता है । इंतज़ार के पल पल सहना अच्छा लगता है ।। ख़ुशबू में तेरी महक़ना अच्छा लगता है । इश्क में तेरे बहकना अच्छा लगता है […]

जित भी जाऊं उड़ेए सारे बेरोजगार हाण्डे सै, के करलां उस पढ़ाई का नौकरी आला न भी छाण्टै सैं पढै लिखे व्यक्ति का होर्या सै खूब शोषण चाहे समाज हो स्कूल हो क्यूकर करैं भरण-पोषण अनपढ़ आदमी दिहाडी कै जब ल्यावै सै खूब रोकडा इसपै तो दिहाड़ी बणती कौनी भटकता […]

क्या करे तुम्हारे घर आकर हम, अब तो याद नहीं करते हमे तुम। हम सदा आते थे,जब कभी बुलाते थे तुम, अब बुलाना छोड़ दिया,अब आए क्यो हम। याद करते रहते है हम ये जानते हो तुम, हिचकियां आती रहती है ये जानते है हम। ये मेरा घर नहीं है,तुम्हारा […]

हल किसान का नहिं रुके, मौसम का जो रूप हो। आँधी हो तूफान हो, चाहे पड़ती धूप हो।। भाग्य कृषक का है टिका, कर्जा मौसम पर सदा। जीवन भर ही वो रहे, भार तले इनके लदा।। बहा स्वेद को रात दिन, घोर परिश्रम वो करे। फाके में खुद रह सदा, […]

जब-जब पड़ी बूंदे पानी की जमीं पर यूं लगा सावन की बूंदों ने दस्तक दी हो मुरझाई सी, अलसाई सी बेलो को, लताओं को हरितमा के आंचल से ढक दिया बरस कर (१) गूंजने लगा बारिश की टिमटिमाहट का गुंजन मेंढकों की टर्र -टर्र और झीगुरों के आहटों से प्रकृति […]

देकर आँख में पानी, ये दुनियाँ मुस्कुराती है। तड़पता देख हमको ये, सदा ताली बजाती है।। लगे जब चोट कोई गहरी, दर्द हो दिल का कोई प्रहरी। मदद की भीख मांगे जो, हमें ठेंगा दिखाती है। देकर आँख में पानी…… भरोसा टूटता है जब, कोई घर लूटता है जब। ये […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।