हमारी मातृभूमि पर अनेक ज्ञानी संत हुए महान, वेद प्रवर्तक विवेकानंद जी की अद्वितीय पहचान। बाल्यावस्था से प्रभुदर्शन की पाली उर में आस, गुरु माने श्रीरामकृष्ण परमहंस को धारे विश्वास। गुरु की दी शिक्षा से ओजस्वी गुणों से युक्त हुए, विश्व कल्याण के लिए गुरु माँ से आशीर्वाद लिए। ठाना, […]

गली-गली में, मचा है शोर, चुनावों का आ गया दौर। दिखें छोटे-बड़े नेता हर ओर, वोट पाने को लगा रहे ज़ोर।। हाथों को जोड़े, शीश झुकाते, हमें, अपने पाले में लाना चाहते। अपने आपको जनसेवक कहते, बाद में, दर्शन दुर्लभ होते।। नेता अभी बनेंगे, सीधे-सादे, करेंगे हमसे, ऊँचे-ऊँचे वादे। भलाई […]

सुनो भैया, सुनो काका, सुन लो री सब बहना, राजधर्म का पालन करके मतदान ज़रूर है करना। जैसे हम मातृ ऋण, पितृ ऋण चुकाते हैं, वैसे ही मतदान करके राष्ट्र ऋण चुकाना। जैसे इहलोक से परलोक के लिए कई दान करते हो, वैसे ही सुदृढ़ राष्ट्र के लिए यह दान […]

है अनुपम हमारी, भारत भूमि महान ये, विश्व में विकास का सर्वोत्तम उदाहरण ये। पढ़–लिख करते हम वागीश्वरी का ध्यान हैं, करना है ज्ञान का उपयोग, हमें अब मतदान है। प्रतिनिधि चुनना, उचित सोच समझ के, डोर राष्ट्र विकास की, होगी हाथ में उस के। छोड कर लालच, किसी भी […]

मतदान करना हर एक देशवासी का हक़ है। हमारे यहाँ मतदान को लेकर ऐसा लगता है, जैसे कि यह एक पर्व है, मतदान के कई दिनों पूर्व से ही ज़ोर-ज़ोर से प्रचार किया जाता है। मतदान करना यह हमारा, तुम्हारा, हर मतदाता के लिए एक पर्व है, जिस पर हमको […]

सुनो भारतीय! सच्चे मन से, मेरे विनय की तुम आवाज़। सही चुनाव करना है तुमको, हृदय में रखना सही तुम भाव। अपने मत की कीमत आँक कर, अंगुली को बढ़ाना है। सही व्यक्ति व्यक्तित्व पहचान कर, अपना मत उसे देना है। माँ भारती का सपूत जो निकले, उस नेता को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।