देशसेवा, हिंदसेवा श्वास में है बह रही, प्राण से प्यारी धरा है, नित्य वाणी कह रही। धर्म से है कर्म से है, भाव सबका एक है, सर्वदा सद्भावना हो, त्याग का अतिरेक है। शेष जग होता चकित है, देख मेधा हिंद की, ओम से होती शुरू है, भव्य गाथा सिंध […]
काव्यभाषा
काव्यभाषा
आओ गणतंत्र दिवस मनाएँ, नाचें, गायें, मदमस्त हो जाएँ। स्वतंत्रता का जश्न मनाएँ, ख़ुद को स्वच्छन्द नहीं, स्वतंत्र बताएँ। भगतसिंह, सुखदेव, सद्गुरू की, निःस्वार्थ बलिदानी को याद करें। बापू, नेहरू, सुभाष चन्द्र बोस की, कुर्बानी को हम याद करें। वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की वीरता का, हम सच्चे मन से स्मरण […]