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कभी-कभी ऐसा भी हो जाता है, पंछी आशियाने से जुदा हो जाता है। वो बचपन,जब खेले थे साथ-साथ, लड़ना भी शामिल था अक्सर जिसमें… वो बचपन भी कहीं खो जाता है। ऐसा भी होता है अक्सर कि, माँ का कलेजा,माँ से जुदा हो जाता है। बेटी होती है बड़ी तो… […]

“बस अब और नहीं” सह लिया,सहना था जब। नवउमंग से,बढ़ना है अब। मंज़िल तक,कोई ठौर नहीं। बस अब और नहीं।। संचित ऊर्जा के,दोहन का। समय सुनहरा,है जीवन का। निराशा का कोई दौर नहीं। बस अब और नहीं।। जीवन संगीत है,मधुर ताल है। लक्ष्य प्राप्य है,चाहे विशाल है। सुनना विरोधियों का,शोर […]

हर्षवर्धन प्रकाश रिश्तों में अकेली स्त्रियां बांटती हैं प्रेम;  ढूंढती हैं प्रेम। रिश्तों में अकेली स्त्रियां चाहती हैं  एक लम्हा छांह; एक लम्हा वक़्त; एक लम्हा प्रेम। (हर्षवर्धन प्रकाश) कवि परिचय : हर्षवर्धन प्रकाश इंदौर (मध्यप्रदेश) – भोपाल के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से एम.एस-सी (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया) […]

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भागवत शामराव पाटील अब मुट्ठीभर बेईमानों को बेनकाब करनेवाली कालेकुबेरों के जाल से  लक्षमी को मुकत करनेवाली आठ नवंबर सोलाह की निशा मे मोदीजी ने गर्जना कर दी काल बनकर आयी कालेकुबेरों के लिए नोटब॔दी॥1॥   रजनी में कंचन-रजत की सहसा चमक बढ़ गई कालेकुबेर-बेईमानों के चेहरे से चमक उज़ड […]

यह लेख स्वतंत्र लेखन श्रेणी का लेख है। इस लेख में प्रयुक्त सामग्री, जैसे कि तथ्य, आँकड़े, विचार, चित्र आदि का, संपूर्ण उत्तरदायित्व इस लेख के लेखक / लेखकों का है, मातृभाषा.कॉम का नहीं। अधूरा नर,वैसे बिन नारी। सूना घर ज्यों,बिन फुलवारी ।। न हो अधम तू,बस मिथ्या में। क्यों […]

यह लेख स्वतंत्र लेखन श्रेणी का लेख है। इस लेख में प्रयुक्त सामग्री, जैसे कि तथ्य, आँकड़े, विचार, चित्र आदि का, संपूर्ण उत्तरदायित्व इस लेख के लेखक / लेखकों का है, मातृभाषा.कॉम का नहीं। काव्य भाषा में होते,वैसे तो कई रस। कानों में मिश्री घोले,क्यूँ ये निन्दा रस।। निंदक नियरे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।