छुप-छुप के पीछा करती है, अपनी कभी बेगानी-सी लगती। खुद से ही बातें करती है, बिंदास कभी सकुचानी-सी लगती। सुध-बुध सी खोए रहती है, वो नजर दीवानी-सी लगती। तकती है मुझे वो मुंडेर से, देखे है मुझे गलियारे से। पनघट पे बुलाती है मुझको, करे इशारे वो चौबारे से। बेशर्म […]

हे ! नव संवत् है तुम्हारा अभिनंदन, ब्रह्म जी ने किया चैत्र में सृष्टि सृजन। चैत्र का महीना,वर्ष प्रतिपदा का दिन, अयोध्या के राजा बने दशरथ नंदन।। हे ! नव संवत् क्या करुं मैं गुणगान, होय पहले ही दिन शक्ति का आह्वान।। गुड़ी पड़वा दिन विजय ध्वज फहरे, लिए नव […]

कभी दिल में तुम्हारे सब, कभी दिल में हमारे सब, मुहब्बत में सनम दिखते हैं,अब बंजर नज़ारे सब। गई हो छोड़ के जब से,यहाँ मातम-सा मंजर है, कि अब रोती हैं रातों को,मेरे घर की दीवारें सब। कभी मिलना-मिलाना था,जहाँ यारों सुनो अपना, तड़पते खूब हैं हरपल,वहाँ साहिल किनारे सब। […]

हर पल जो मस्ती में झूमे,वह मधुमास कहां से लाऊं। जो प्रीतम का द्वार न छोड़े,ऐसी प्यास कहां से लाऊं।। मधु–सरिता रस घोला करती, संग हवा के डोला करती.. झिंगुर गाते गीत सुहाने, नदिया के तट मीत पुराने.. मेरा मन आह्लादित कर दे,वो अहसास कहां से लाऊं, हर पल जो […]

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रुठे चेहरे पर बिखरी है उदासी। दूर कहीं हंसी उड़ी है हवा-सी।। तन्हाई ने घेरा है चारों तरफ से। अन्धेरा-सा बिखरा है उम्र दराज से।। खुशहाल ज़िंदगी पर विराम है उदासी। न है खुशी की इक झलक जरा-सी।। सुनहरी किरणों से अब रहा न कोई वास्ता। उदासी ने रोका है […]

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किसी से वो कभी मिलता नहीं है, मुहब्बत को अभी समझा नहीं है। मुझे देखे हिकारत की नजर से, कि जैसे प्यार का रिश्ता नहीं है। सुख़नवर बन गया उसके लिए मैं, मगर इक शेर भी भाया नहीं है। रहेगी यार मेरी आरजू ये, तुझे पाए बिना जीना नहीं है। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।