(1) हरी मेहंदी रंग देगी वो लाल सुंदर हाथ। (2) मेहंदी संग हो सोलह शृंगार आएं साजन। (3) आए जो प्रिय लिये हाथों में हाथ मीठी–सी बात। (4) झूमे सावन आनंद ही आनंद मनभावन। (5) सुखी जीवन प्रियतम का संग मिली सौगात। ( 6) देख मेहंदी साजन हुए ख़ुश लिखा […]
भारत की आज़ादी के ठीक 10 वर्ष बाद मध्य प्रदेश के धार में पिता रामगोपाल शर्मा जी के घर रमेश चंद्र शर्मा का जन्म हुआ। आपने स्नात्तकोत्तर हिंदी साहित्य, राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र, विधि स्नातक, आयुर्वेद रत्न, अद्यतन प्रथम श्रेणी तक शिक्षा प्राप्त की। 5 वर्ष सहायक प्राध्यापक हिंदी की नौकरी […]
परिचर्चा संयोजक- डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ देश ही नहीं अपितु विश्वभर में इस समय सोशल मीडिया बहुत आक्रामक शैली से कार्यरत है। कहते हैं यह घोड़ा बेलगाम होता जा रहा है, युवाओं में सोशल मीडिया आवश्यकता से कहीं अधिक लत बन चुका है। ऐसे दौर में यदि पीढ़ी को इस […]
श्रीमती प्रेम मंगल ने अपनी जीवन यात्रा गुना, मध्य प्रदेश से प्रारंभ की। उनका जन्म 15 नवंबर 1949 में गुना (म.प्र.) में हुआ। स्कूल और कॉलेज की शैक्षणिक यात्रा करते हुए सन् 1970 में अर्थशास्त्र में एम.ए. की उपाधि ग्रहण कर कॉन्वेंट स्कूल गुना में नौकरी की। इंदौर से बी.एड. […]
यूँ तो सैकड़ों वेबसाइट इस समय देशभर में कार्यरत है पर मातृभाषा डॉट कॉम साहित्यिक समाचारों, लेखन इत्यादि में बहुत समृद्ध वेबसाइट है। हज़ारों रचनाकारों का शालीन और उन्नत लेखन हम पाठकों को प्रभावित भी करता है और मानसिक ख़ुराक को शांत करता है। बहुत बहुत शुभकामनाएं। #प्रेम मङ्गल, इंदौर […]
परिचर्चा संयोजक- डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ कविता के इतिहास से इस बात की गवाही मिलती है कि हर युग में कविता ने जनजागरण का कार्य किया है। कविता का मूल स्वभाव ही जनतंत्र की स्थापना और उनका जागरण है। 1923 में गयाप्रसाद सनेही जी द्वारा प्रारम्भ हुई कवि सम्मेलन परम्परा […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।