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प्रायः यह देखा गया है कि,आज की युवा पीढ़ी जिन्दगी को जीना नहीं चाहती,बल्कि उड़ना चाहती है। पा लेना चाहती है सबकुछ, कुछ ही पलों में। धैर्य,शान्ति,सबर जैसे शब्द तो जैसे उनकी जिन्दगी में ज्यादा मायने ही नहीं रखते। ऐसे हालातों में संवाद ही एक ऐसा जरिया है,जिससे युवा पीढ़ी […]

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जीवन में कभी, लगता है यूँ ही.. कुछ कर्म कटें कुछ बोझ हटे शायद तब ही लेती ज़िंदगी आज़माइशें……। कुछ उलझे पल, कुछ बोझिल दिल… कुछ थकता मन यादें पल छिन शख्सियत को मुक्कमल करतीं आज़माइशें……। कोई अंत नहीं दूजा पंथ नहीं. न चैन कहीं न विकल्प कोई करतीं मन […]

किसी असहाय का दुख दर्द बढ़कर कौन समझेगा, मुसीबत क्या है यह अपने से बेहतर कौन समझेगा। भरे बाजार में बिकने को जो मजबूर हो जाते- विवशता बेबसों की मेरे ईश्वर कौन समझेगा।   #डॉ. कृष्ण कुमार तिवारी ‘नीरव’ Post Views: 592

चींटी एक चढ़ी पर्वत पे, गुस्से से होकर के लाल। हाथी आज नहीं बच पाए, बनके आई मानो काल।। कुल मेटू तेरे मैं सारो, कोऊ आज नहीं बच पाय। बहुत सितम झेले हैं अब तक, आज सभी लूंगी भरपाय।। कुल का नाश किया मेरे का, रौंद पैर के नीचे हाय। […]

श्रीराम भक्त है हनुमान, शक्ति के पुंज हैं हनुमान। साहस,वीरता के प्रतीक, आज भी चैतन्य हनुमान।। है शिव अवतारी हनुमान, लाल लंगोट धारी हनुमान। लाल रंग इनको मन भाए, अंजलि के लाल हनुमान।। धीर,वीर,गंभीर हनुमान, भक्ति की व्याख्या हनुमान। सीताराम के अनन्य भक्त, सीने में बसाए हुए हनुमान।। संकट मोचक […]

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ओ मेरे प्रियतम प्यारे, समर्पण है तुझ पर अब मैं अर्पण हूँ। मैं चाहती हूँ कि तुम, हर पल,पल-पल तुम मेरे पास रहो.. इसलिए तुम फूल बन जाओ मैं मालिन। तुम फसल बन जाओ, मैं किसान.. तुम मालिक बन जाओ, मैं दासिन। तुम घर बन जाओ, मैं पहरेदारिन.. तुम भगवान […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।