वृद्धावस्था जीवन चक्र का सबसे चुनौतीपूर्ण व संवेदनशील समयावधि है जिसमें व्यक्ति की क्षमताओं के क्षीण होने से उसे अनेक शारीरिक, मानसिक, सांवेगिक, आर्थिक, सामाजिक व पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। भारत में बुजुर्गों की प्रतिष्ठा प्राचीन काल में बहुत अधिक थी। वृद्धजनों को भगवान समान माना जाता […]

अकेले ही वो मीलों चला होगा हालात में इस कदर ढला होगा उसके पसीने से खुशबू आती है बेशक वो गरीबी में पला होगा खुद को उसने फ़ौलाद बना डाला सच कहूँ अंगारों पर चला होगा राहत की साँस भी ले लिया होगा शाम जब कभी सूरज ढला होगा मचेगा […]

चित्तौड़ के राज घराने में उदयसिंह व जेवन्ता बाई के घर एक विलक्षण बालक का जन्म होता है। इसका नाम प्रताप रखा गया। जेवन्ता बाई जन्म से ही प्रताप को मातृभूमि के प्रति कर्तव्य का पाठ सिखाती है, अफगान शासक शेर शाह सूरी के अधीन चित्तौड़ पर उस समय उदयसिंह […]

हम हैं नन्हे मुन्ने बच्चे, हमको आँख दिखाओ ना। अभी उम्र है पढ़ने की, हमसे काम कराओ ना। कभी होटलों में हमसे तुम, बर्तन साफ कराते हो। कभी घरों में झाड़ू पोंछा, और कपड़े धुलवाते हो। शर्म करो कुछ तो बाबू जी, ये बचपन हमसे छीनो ना। हम हैं नन्हे……… […]

आओं मुनमुन आओं गुनगुन मिलकर खाएं प्यारे जामुन ।। आता जब जून लाता संग जामुन । सबके मन भाते खट्टे – मीठे जामुन ।। इसके कई गुण ध्यान से सुन । कैंसर,शुगर में रामबाण जामुन ।। पथरी,लीवर,खून की गंदगी करें दूर । औषधीय गुणों से भरपूर हैं जामुन ।। गुठली […]

लगाकर आग वो, अक्सर भाग जाते है। कहकर अपनी बात, अक्सर भाग जाते है। बिना जबाव के भी, क्या वो समझ जाते है। तभी तो बार बार आकर, मुझसे वो कुछ कहते है।। लगता है उन्हें प्यार हो गया। दिल की धड़कनों में, शायद में बस गया। तभी तो हंस […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।