बज गया डंका चुनाव का, लो फिर हुई यह रेस शुरु। मैं सच्चा कि-तू झूठा, की चल पड़ी है होड़ शुरु। कोई घुमराए मज़हब से, कोई रिझाए नोटों से, कोई डराता ताक़त से, कोई लुभाए बड़े नामों से। जनता की तकलीफों को, अभी तो सब अपना बतलाते हैं, जनता चाहे […]
मैं नदिया हूँ, चुलबुली, आज़ाद.. निराली हूँ। ज़मीन पर रहकर, आसमाँ को समाती हूँ। मुझसे खुशियां, मुझसे ही दुःख.. लहराती हूँ,पर उड़ नहीं पाती हूँ। मन आए तो, राह बदलती हूँ.. सागर की तरह नहीं, जो राह न बदल सके, मैं नदिया हूँ..। #नेहा लिम्बोदिया परिचय : इंदौर निवासी नेहा […]
पाँच वर्ष के बाद मिला अवसर ताक़त दिखलाने का। प्रजातंत्र का महापर्व,अवसर सरकार बनाने का। जिनके वादे झूठे निकले,उनको है आउट करना, जो दिल में बस गए तुम्हारे,उन पर मत डाउट करना। जनादेश सर्वोपरि दुनिया में परचम लहराने का, प्रजातंत्र का महापर्व,अवसर सरकार बनाने का। चंद स्वार्थ को छोड़ो,अपनी आत्मा […]
दिल-ओ-दिमाग से बहिष्कृत हो मृत्युभोज नामक कुरीति,इस आंसुओं से भीगी दावत का बहिष्कार किया जाना चाहिए क्योंकि, दोस्तों एक तरफ तो हम इंसान चांद, मंगल और प्लूटो पर पहुंचकर अपनी असीम मानसिक क्षमता का परिचय दे रहें हैं,तो दूसरी तरफ़ ऐसा भोज..! हाल ही में चीन देश में एक समय […]
हायकू उदास शाम.. गमगीन हवाएं तन्हा मौसम। गहरे पल, अधूरा एक ख़्वाब. सांसें बोझिल। सुहानी याद, बैचेन-सा मौसम.. भीगे हम। बिखरे रंग, लहराता है आंचल.. हँसे आँगन। #आभा चन्द्रा परिचय : वर्तमान में लखनऊ में विद्यालय में कार्यरत आभा चन्द्रा की सम्प्रति स्वतन्त्र लेखन से है। आपकी लेखन […]
रात बहुत हो गई, चल अब सुबह होने दे… चलना कहाँ है अभी, सोच तो लेने दे। चल देंगे सुबह जल्दी, जहाँ मंजिल बुला रही होगी, होगी कोई आवाज़ ऐसी, जो हमें अपनी ओर बुला रही होगी….। जरूरी तो नहीं ,जहाँ बादल छाए रहें, वहाँ हर बार बारिश ही होगी….. […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।