ये हमारी आँख का बहता हुआ जल, है अधूरे इक समापन की कहानी..। दो किनारे बन गए हम इक नदी के, जो कि लहरों से सदा संवाद करते..। आस की कोई न कश्ती दिख रही थी, फिर भला क्यूँ व्यर्थ हम अनुनाद करते..। क्या नहीं स्वीकार था ये भी नियति […]
हिन्द और हिन्दी की जय-जयकार करें हम, भारत की माटी,हिन्दी से प्यार करें हम l भाषा सहोदरी होती है,हर प्राणी की, अक्षर-शब्द बसी छवि,शारद कल्याणी की.. नाद-ताल,रस-छंद,व्याकरण शुद्ध सरलतम, जो बोले वह लिखें-पढ़ें, विधि जगवाणी की.. संस्कृत सुरवाणी अपना, गलहार करें हमl हिन्द और हिन्दी की,जय-जयकार करें हम, भारत की माटी,हिन्दी से प्यार करें हमl असमी,उड़िया,कश्मीरी,डोगरी,कोंकणी, […]