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धरती तपती देखी तो मानव घबरा गया, शिकायतों का पुलिंदा लेकर कैलाश पर्वत आ गयाl कैलाश पर पार्वती संग बैठे थे भोले, मानव भोले से ऎसे बोले- बचा लो प्रभु अब नहीं सहन हो पाएगा, गर्मी इतनी बढ़ गई कि `एसी` भी फेल हो जाएगा। इतनी सुन भोले ने सूर्य देव को बुलवाया, सूर्यदेव कैलाश पर्वत आए और फिर मुस्कुराए.. भोले बोले-मानव शिकायत ले आया है, तुझे कोई गम नहीं तू क्यों मुस्कुराया आया है। सूर्य बोला-इसमें मेरी क्या गलती है, मानव इतना प्रदूषण फैला रहा है.. जिससे धरती बेवजह तपती है।                                                                   […]

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विदा होते ही आँखों की कोर में आँसू आ ठहरते, और आना-जल्द आना कहते ही ढुलक जाते आँसू, इसी को तो रिश्ता कहते जो आँखों और आंसुओं  के बीच मन का होता है, मन तो कहता और रहोl मगर रिश्ता ले जाता, अपने नए रिश्ते की ओर जैसे चाँद का […]

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बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जयंती विशेष: आज़ाद भारत के वैचारिक समन्वयक बाबा साहब —-अर्पण जैन ‘अविचल‘ धरती जब किसी चरित्रवान् नेतृत्व को जन्म देती है तो निश्चित तौर पर यह नेतृत्व का ही मान नहीं होता बल्कि धरती का भी गौरव स्थापित होता है | एसा ही एक गौरव मालवा […]

इस प्यारी दुनिया से, बीते हुए कल में। समाज के लोगों ने, अपने और गैरों ने।। मुझे अपनों से दूर किया, सोचने को मजबूर किया। और अब! कल की कल्पना ने, आज के सपनों को.. आईना दिखा दिया, है बेगाना बना दिया कोड़ी कल्पना ने, सफल सपने को.. चकनाचूर कर […]

कल तुम चली जाओगी इस सहर से, मगर मेरे दिल के सहर में बसोगी सदा। हम दोनों एक दूसरे पर मरते थे कुछ इस तरह, दिल व धड़कन जुदा नहीं हो सकते जिस तरह। इस ज़माने को रास क्यों नहीं आई मोहब्बत हमारी, इश्क के आशियाने को इस जमाने ने […]

अगर हमारे शरीर में केवल पिन चुभ जाए तो हम कराह उठते हैं,सोचो जिन जीवों पर कटार चलती है उन्हें कितनी पीड़ा होती होगी? अगर हम एक मांसाहारी को प्रेरणा देकर शाकाहारी बनाने में सफल हो जाते हैं तो,हमें अड़सठ तीर्थों की यात्रा जितना पुण्य घर बैठे मिल जाएगा। महावीर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।