चलो कोशिश करते हैं जीवन को कसमों की डोरी में रस्मों की गंध से अलंकृत कर दें चलो कोशिश करते हैं हिना के रंग को स्नेह अभिव्यक्ति के अनमोल पलों से अमर कर दें चलो कोशिश करते हैं अपरिचिति श्वासों को हवन कुंड की अग्नि के समक्ष एक दूजे में […]

ऐ सावन की घटा जा सीमा पे ज़रा एक  संदेशा उन तक पहुंचा देना । कई दिनों से नहीं लौट के आए वो, घर के हाल जरा उन्हें बतला देना। बहना  सजा  रही  है थाल फिर से, सुनी  कलाई  का  मान बढ़ा देना । बह ना जाए नीर उसकी आंखों […]

दर्द  भरा  है  अभी तेरी मां के दिल में, मैंने  तो अपने दिल को समझा दिया । मगर  तू  तो  हो गया पत्थर दिल बेटा, घर  तूने  जब  से  अलग  बसा लिया । कैसे  भूलूं  मैं जिंदगी का वो दिन बेटा, जब  तू  चुपके  से कोख में आया था । […]

मैं  वो  सूखे  दरख़्त  का  ठूँठ  हूं, जो  औरों  के बहुत काम आया । पड़ा   हूं  आज  मैं  बीच  राह  में, ठोकरों का सिर पे इल्जाम आया। जब  तक  जुड़ा  रहा  मैं  जड़ों से, अपने  में  जहां  समेटे  खड़ा था । बदले   कई   मिजाज   मौसम  ने, […]

जी लिया मैं बहुत दुनिया के लिए, अब अपने लिए जीना चाहता हूं । ऐ  जिंदगी चल दूर बहुत दूर कहीं, अब  मैं गुमशुदा होना चाहता हूं । देखी मोहब्बतें, नफरते रिश्तों की, देखी दुनिया की दुनियादारी भी । देखी मतलबी, फरेबी जालसाजी, देखी यारी ईमान और खुद्दारी भी। उलझी […]

चल रही है झूम के हवाएं, बादलों ने शोर मचाया है । बदला सा मिजाज मौसम का, कोई दस्तक देने आया है ।। रंग बदला है पत्तो ने अपना, पेडों ने गीत गुनगुनाया है । डाली डाली चहक रही, आनन्द हृदय में समाया है ।। सौंधी सौंधी खूश्बु माटी की, […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।