अमीरी गरीबी में बटी ये इंसानों की बस्ती कहीं कोई घर है अंधियारे में डूबा हुआ कहीं किसी घर में अँधेरा है शौक का कहीं जिंदगी ये बनी है दर्द सी कहीं दर्द बनी है ये जिन्दगी कितनी जुदा है ये इंसानों को बस्ती भूख से व्याकुल कहीं रोती है […]
बन उम्मीदे आई ये बारिस जीवन मे नये रंग लाई ये बारिस सुखी वसुंधरा की प्यास बुझे गी है बंजर जो जमीन वो फिर से खिले गी ये बारिस सिर्फ बारिस नहीं है ये उम्मीद है किसी किसान की तो किसी सूखे सरोवर की प्यास है इस बारिस मे खिलेगी […]
क्यूँ इस जहा में हम बेटियों के लिए प्यार नहीं क्यूँ हमसे कोई उम्म्मीद नहीं,हमारा इंतज़ार नहीं। हे धरा ,वसुंधरा हे माँ अवनि ,विकेशी तुझसे हर बेटी अब पूछती है यही। मेरे प्रश्नों का माँ देना उत्तर सही पूछती है ये बेटी आँखे आंसुओ से भरी। क्यूँ धरा पर हमें […]
” हम सब की जान है हिन्दी। हिन्दुस्तान देश की पहचान है हिन्दी मस्तक पर शोभे चमकती बिन्दी बनकर हिन्दी अपनापन की एहसास पहचान है हिन्दी हिन्द देश की गौरवशाली गाथा की गान है हिन्दी। हमारे राष्ट्र की जान,प्राण राष्ट्रभाषा हिन्दी गौरवशाली शान की पहचान है।हिन्दी हम हिनदुस्तानियों की राष्ट्रभाषा […]
सदा सत्य पथ पर चले जाना है हवा के है झोंके बहे जाना है। कभी सोचते है,ठहरे इसी पथ बस नीर है हम, बहे जाना है । ठहरी नही जिंदगी भी किसी पथ किसी के लिए ना रुके हम किसी पथ कभी लड़खड़ाये ,तो सोच ले हम यही […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।