देश के छोटे से छोटे गाँव से लेकर बड़े से बड़े मुम्बई,दिल्ली,बेंगलूरु, कोलकोत्ता,अहमदाबाद,शिलांग,श्रीनगर जैसे शहरों में हिंदी को जान सकते हैं, समझ सकते हैं,हिंदी में भावनाओं का आदान-प्रदान कर सकते हैं। अपवाद के रूप में तमिलनाडु और केरल के राज्य आते हैं। देश की जन-जन की भाषा […]

प्रहार रोज संस्कृति पर,होता रहा है रोज। बैठ न चुप्पी साधकर,शीघ्र ईलाज खोज॥ आज ‘रक्षा बंधन’,भारत जन-मन संस्कार। प्रण ठानें सहोदर, रोकन बहन पर प्रहार॥ भागो न दूर बहन से,वह संस्कृति की शान। वह खतरे से रो रही,दिला उसे सम्मान॥ तजें मौन बहन पर,हम होतें न हो अभाग। उठा कठोर […]

     वैविध्यमय भारत में भाषाई वैविध्यता विद्यमान है। दक्षिण भारत के तमिलनाडु और केरल को छोड़कर लगभग सभी रज्यों में लोग हिन्दी समझते हैं,लेकिन आजकल हिन्दी के खिलाफ आंदोलन चल रहे हैं।      देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग प्रांतीय भाषाएँ हैं। चाहे वह उत्तर भारत का भाग […]

     एक जमाना था;भारत को सुपर कम्प्यूटर नहीं दिया गया था। एक जमाना था;भारत के प्रधानी की बात को निर्लक्षित किया जाता था। भारतीयों को गुलाम,पिछड़ा वर्ग के रूप में देखा जाता था।      भारत अब बदल गया है। जो भारतियों को सुपरपर कम्प्यूटर नहीं दिया करते थे,जो […]

रिश्ता न खून का होता है, न जाति पाति का होता है॥ अमीर और गरीब में न फरक है, मीत मानता उर पर हक है॥ चाहे आसमान टूट जाए चाहता है दिल न रुठ  जाए॥ भूखा रहकर भूख मिटाता, कदम-कदम पर कष्ट मिटाता॥ मित्र गुणों को पहचान लेता, सारे जग […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।