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दुनिया आप को माने उसके लिए,
मेहनत से करना काम होता है…।
न कि जबरदस्ती मानने के लिए,
युद्ध को देना अंजाम होता है…।
ये अलग बात है नसीब साथ नहीं
देता, तो दिल लेना थाम होता है…।
परिवार को दुख दे कुछ हासिल
नहीं, केवल जीवन हराम होता है…।
आज के नवयुवक हताश हो गए,
इसलिए ये किस्सा आम होता है…।
उम्र,शिक्षा के साथ मजाक हो रहा,
क्योंकि युवक बना गुलाम होता है…।
पढ़ी-लिखी बेरोजगारी का बोझ,
उठा युवक अब बेलगाम होता है…।
बच्चे चाहे अच्छे सपूत बनें पर,
अधिकांश संभव नहीं हे राम होता है…।
देखा कश्ती को भवंर में डूबते यूँ,
नवयुवक देश में ऐसा तमाम होता है…।
#आनंद पाण्डेय ‘केवल’
परिचय : आनंद पाण्डेय ‘केवल’ की उम्र 45 वर्ष है और आप सेवनिवृत्त शिक्षक (मुंबई) हैं। मुंबई में निवास है,पर पैतृक निवास उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ में है। आप कार्यक्षेत्र के रुप में मुंबई में कम्पनी में कार्यकारी संचालक के तौर पर सक्रिय हैं। लेखन में रुचि है और पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती हैं। मात्र एक वर्ष का लेखन अनुभव है और भावों की तुकबंदी पर अधिक लिखते हैं। तबला वादन में स्नातक होने के साथ ही कुछ अन्य उपलब्धियां भी पाई हैं। कवि मित्रों की रचनाएँ पढ़ने का चिंतन तथा मनन करना आपको अच्छा लगता है।
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