आज २३ मार्च को हम बलिदान-शहीदी दिवस के रूप में मनाते हैं। इसलिए यह बहुत बड़ा दिन है। इस दिन भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव जब अपनी बैरकों से निकलते हैं तब यह गीत गुनगुनाते हैं। उन तीनों को सन्१९३१ में फांसी दी गई थी। १४ घंटे पहले ही उन्हें फांसी […]

साल अपनी ओढ़नी हर साल बदलता है। पुराने दाग-धब्बे, फटन, मैलापन सब निकाल एक नई ओढनी धारण करता है। उस पुरानी ओढ़नी का शुक्रिया करना वह कभी नहीं भूलता क्योंकि उसने उसका साथ पूरे साल निभाया था। यही दस्तूर कई शताब्दियों से चला आ रहा है और आगे भी चलता […]

आज अपनी सेवानिव्रत्ति लेकर लौटे भानुप्रसाद जी बड़े सोच में थेl दरवाज़ा खोलकर वहीं सोफे पर पसर जाते हैंl अब आगे कैसे होगा? अभी तो दो बच्चों की शादी भी नहीं हुई है और मैं सेवानिवृत्त! तभी उनकी पत्नी विमला कमरे में आ जाती हैं और कहती हैं “आज तो […]

मिसेज अग्रवाल के इकलौते बेटे की शादी थी, शादी का घर और गहमागहमी न हो ऐसा कैसे हो सकता है, तिस पर मिस्टर अग्रवाल शहर के मशहूर व्यवसायी! रिश्तेदारों से घर ठसाठस भरा था, सबके आवभगत की पूरी व्यवस्था थी, उधर खानसामे में गांव से आई कमला( मिस्टर अग्रवाल की […]

ईश्वर को ढूढ़ने निकली थी मिला मुझे वो देर से खुदा भी मिल जाता मुझे पर पता चला कुछ देर से । इत्तेफाक ही था जो निश्छल मुस्कुराहट देखने मिली कहीं औऱ नहीं वह यहीं है पहचाना मगर देर से । अब तक मूरत मज़ार को उसका घर समझ रही […]

आज की सुब्ह बाकी गुजरी सुब्ह से अलग थी, सुब्ह आंख खुली तो एहसास हुआ दर्द का, पूरे शरीर में दर्द हो रहा था ! थोडी देर बाद हुआ वही जिसकी आशंका थी, अब दर्द अपनी सारी हदे तोड़ रहा था, पानी के बिना मछली जेसी हालत थी, बिस्तर पर […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।