पाकर जो लोग मैल सी धन संपदा भर जाते हैं अहम से इतराते और बल खाते हैं छुद्र नदी सा रह भी जाते हैं फिर, सिमट कर खुद से खुद तक । आता है जब बुरा वक्त हो जाती है अक्सर धन संपदा भी बेमानी तब जो खड़े होते हैं […]

निरंतर बदलाव प्रकृति का नियम है। समय बदलता है, संसाधन बदलते हैं । हम भी बदलते हैं । वर्तमान समय आधुनिक तकनीक के प्रयोग का है । हर क्षेत्र में नई – नई तकनीक अपनाकर बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा रहे हैं । इंटरनेट के आगमन से वे सब जानकारियां […]

बचपन से सुनते आ रही थी राधा – भोगना ही पड़ता है सबको अपना कर्मफल। माँ से सुना , दादी से सुना , नानी से सुना और तो और पिता से भी अक्सर यही सुनती पर समझ कुछ न पाती। अभावों में गुजर – बसर करते हुए खेलने कूदने की […]

आज बारहवीं बोर्ड का परिणाम घोषित होने वाला था । घड़ी का कांटा जैसे जैसे आगे बढ़ रहा था , रमेश का दिल भी उसी तेजी से धड़क रहा था । अनजानी आशंका से उसकी हिम्मत टूटती जा रही थी , पर परिणाम जो भी आए , उसका सामना तो […]

सज – धज कर दुपहिया पर घर से निकलते हैं कुछ युवा होते लड़के और मौसम चाहे कोई हो छाँव से भी झुलसती हैं लड़कियां आँख तक , मुहं पर दुपट्टा बांधे ही घर से निकलती हैं कुछ लड़कियां । देखा है मैंने – स्कूल कॉलेज या कोचिंग के समय […]

ग्रीष्म का ये रूप भीषण लोग हुए हैं सब व्याकुल सूरज की तो अपनी तपन जल बिन हैं कंठ -कंठ आकुल मचा है – चहुँ ओर हाहाकार जल बिन है सब बेकार। ताप रवि का सहने को फिर भी सक्षम हैं सारे किन्तु गिरते भू जल स्तर से फिर रहे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।