सोशल मीडिया का जन मानस पर प्रभाव

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devendr soni
निरंतर बदलाव प्रकृति का नियम है। समय बदलता है, संसाधन बदलते हैं । हम भी बदलते हैं । वर्तमान समय आधुनिक तकनीक के प्रयोग का है । हर क्षेत्र में नई – नई तकनीक अपनाकर बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा रहे हैं ।
इंटरनेट के आगमन से वे सब जानकारियां हमारे ” टच ” में आ गई हैं जिसकी कल्पना भी दुरूह थी । अब ये जानकारियां हमारे बनने – बिगड़ने का सबब भी हैं और इनके हर अच्छे – बुरे परिणाम के लिए हम खुद ही जिम्मेदार भी हैं । इसके लिए किसी एक पक्ष को दोषी ठहराना उचित नही है।
हर सिक्के के दो पहलू होते ही हैं । दिन के साथ जिस तरह रात जुडी हुई है । वरदान के साथ अभिशाप जुड़ा हुआ है उसी तरह स्वस्थ मानसिकता के साथ विकृत मानसिकता भी जुड़ी हुई है। किस मानसिकता को हम सहेजें । यह हमारा निर्णय होता है। यही निर्णय – सोशल मीडिया के जन मानस को सर्वाधिक प्रभावित करता है।
आज बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के हाथ में नई तकनीक मौजूद है । किसी के लिए यह – ज्ञान प्राप्ति का साधन है तो कहीं मनोरंजन , व्यावसायिक गतिविधि या सृजन और संचार के जरिये दूर -सुदूर बैठे परिजनों से नजदीकी के एहसास का भी माध्यम है। अलावा इसके, विकृतियां भी भरपूर हैं इसमें जो अंततः दुष्परिणाम ही देती है। बस इसी से बचना भी है और बच्चों को बचाना भी है । इस प्लेटफार्म पर जितनी सतर्कता बरतेंगे उतना ही सहज वातावरण पाएंगे हम।
इसमें कोई दो राय नहीं कि अब अनिवार्यता बन चुका है यह माध्यम हम सबके जीवन में। दिल खोलकर इसका उपयोग जरूर करें मगर दिल – दिमाग सम्हालकर । ऐसा किया तो निश्चित ही यह आपके अनुकूल होगा।
        #देवेंन्द्र सोनी, इटारसी।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।