ग्रीष्म का ये भीषण रूप

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devendr soni
ग्रीष्म का ये रूप भीषण
लोग हुए हैं सब व्याकुल
सूरज की तो अपनी तपन
जल बिन हैं कंठ -कंठ आकुल
मचा है –
चहुँ ओर हाहाकार
जल बिन है सब बेकार।

ताप रवि का सहने को
फिर भी सक्षम हैं सारे
किन्तु गिरते भू जल स्तर से
फिर रहे मारे-मारे ।

आज यदि ये हाल हैं
तो सोचो,
कल क्या होगा …?

स्वार्थ भरे मन से हमने
प्रकृति से खिलवाड़ किया
गगनचुम्बी अट्टालिकाओं और
कंक्रीट के जाल से
वसुधा को अपनी पाट दिया ।

सुविधा के लिए अपनी
काट रहे हैं हम नित्य ही वन
बदले में इसके करके
रश्म अदाई पौधारोपण ।

नहीं बचेगा , इससे कुछ भी
खो देंगे हम चैन – अमन ।

तपन से गर्मी की तो
फिर भी बच लेंगे हम
मगर सूखती धरती को
देना होगा जीवन ।

आने वाले संकटों का
नहीं खींचता मैं कोई खाका
जानता हूँ सिर्फ इतना
जल का है जीवन से नाता ।

कोई न कोई जतन कर
सह लेंगे हम हर अभाव।

सह लेंगे ग्रीष्म का ताप
और ठंड की ठिठुरन भी
मगर कम होती वर्षा का
करना होगा कोई उपाय।

नहीं किया यदि हमने
अंबर के जल का संचय
बूंद-बूंद के लिए तरस कर
खोना पड़ेगा प्राण अपने ।

वक्त अभी भी है
सम्हलने का हम सबके पास
प्रकृति को बचाने
पौधा लगायें और पालें
उसे अपने आस-पास ।

नही करेगी फिर व्याकुल
तपन ग्रीष्म की हमको
और न ही होगा उसका
फिर यह भीषण रूप
पर जरूरी है
इसके लिये बदलें हम
प्रकृति का बिगड़ा स्वरूप ।

तो आइए हम सब
मिलकर यह ठानें
जुट जायेंगे
जंगल और जल बचाने।

 #देवेंन्द्र सोनी, इटारसी

Arpan Jain

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।