ये लड़के और लड़कियां

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devendr soni
सज – धज कर दुपहिया पर
घर से निकलते हैं कुछ युवा होते लड़के
और मौसम चाहे कोई हो
छाँव से भी झुलसती हैं लड़कियां
आँख तक , मुहं पर दुपट्टा बांधे ही
घर से निकलती हैं कुछ लड़कियां ।

देखा है मैंने –
स्कूल कॉलेज या कोचिंग
के समय ,
कांधे पर बैग लटकाए
किसी बाइक के पीछे बैठ
निर्जन राहों पर मस्ताते हुए इन्हें
उन्मादित लड़कों के साथ ।

आपत्ति नहीं है मुझे
किसी की निजता से
और न ही आपत्ति है
उनके स्वभावगत
अंधे आकर्षण से ।

जानता हूँ –
उम्र का स्वाभाविक सैलाब है यह ।

पर उन परिजनों के विश्वास का
क्या होगा भविष्य ?
जिन्होंने बांध रखे है –
इन मुहं छुपाती लड़कियों
और इठलाते -इश्क फरमाते
लड़कों से , उम्मीदों के बांध !

इतर इसके गर्त में जाते
इन नासमझ लड़के -लड़कियों का
अक्सर होता है कितना बुरा हाल
देखा है इसे भी हम – सबने ।

मानता हूँ –
रोकना मुश्किल है
गर्त के इस सैलाब को
पर करना ही होगा अब यह
उन्माद भरे माहौल से
बचाने के लिए उन्हें ।

बनना पड़ेगा कठोर
अपनी संतानों के प्रति
चाहे वह हो बेटा या बेटी।

नहीं चेते यदि समय पर तो-
भोगना ही होगा , वह दुष्परिणाम
जिसकी कल्पना भी
नहीं करना चाहते हैं हम !
#देवेंन्द्र सोनी, इटारसी।

Arpan Jain

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।