कसक दिल की दिल में छुपाए- छुपाए। ये भी नहीं याद कि कब मुस्कराए।। हम जब फना हो गए उनकी खातिर। आए भी तो देर से बहुत आए।। था मौजूद पानी तो तुमने न मानी। रेत में कोई कश्ती अब कैसे चलाए।। अंधेरों से सीखा सबक जिन्दगी का। रोशनी में […]

नज़र की क्या कहें अब तो ज़िगर भी हो गए पत्थर। कहाँ बू-ऐ-वफा खोई कि रिश्ते हो गए पत्थर।। खुदा भी बेबसी में शब-सहर रोया यकीनन है। दरख्तों पे खिले कुछ फूल भी जब हो गए पत्थर।। बड़ी उम्मीद लेकर मैं चली आई सुनो प्यारे। मगर थी क्या खबर जज्बात […]

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जिन्दगी का हर फसाना याद आएगा, तुम्हारा रुठना-मेरा मनाना याद आएगा। है भले ही दौर तुम्हारा मगर ये जान लो। तुमको फिर बीता जमाना याद आएगा। बात जब छिड़ जागी कसमों-वादों की कहीं। मुकर जाना तुम्हारा,मेरा निभाना याद आएगा। होंठों पर आए मगर गा नहीं सकते कभी। वो अधूरा तुमको […]

राष्ट्र-प्रेम का प्रदीप, सदैव दीप्तिमान हो। विश्व-ऐक्य-भाव ही, सर्वथा प्रधान हो।। कोटिशः नमन तुम्हें, धीर वीर महान हो। त्याग शान्ति समृद्धि के, तुम्हीं तो वितान हो।। शुष्क हृदय न हो कभी, प्रेम प्रवाहमान हो। कर तिरोहित वैरभाव, अधर मात्र मुस्कान हो।। है एक प्राण दाता पूज्य, सर्व-धर्म समान हो। मनुज […]

जब भी आओगे मुझे मौजूद वहीं पाओगे, वक्त की निशानियों का एक पहरा हूँ मैं। मैं कोई दरिया नहीं जो कहीं भी बह जाऊँगा, तुम भी वाकिफ हो कि झील-सा ठहरा हूँ मैं। मौसम कोई भी आए अब न होगा गुलबहार, बारिशें भी जानती हैं बंजर सहरा हूँ मैं। बस […]

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रामायण में आदिकवि,करते हैं उल्लेख। रामराज्य के रूप को,खुले नयन मन देख।। ग्यारह हजार वर्ष तक,रहे अवध श्रीराम। बन्धु-बान्धवों संग ही,बना लोक सुख-धाम।। रावण रुपी छ्ल मरण,हरण दंभ सब पाप। सत्य सुयश का मार्ग ही,दिखलाते प्रभु आप।। सीता माता के हृदय,नाथों के हैं नाथ। मर्यादा पालक प्रभो,रहे सर्वदा साथ ।। […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।