रिश्ते हो गए पत्थर

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shubha
नज़र की क्या कहें अब तो ज़िगर भी हो गए पत्थर।
कहाँ बू-ऐ-वफा खोई कि रिश्ते हो गए पत्थर।।

खुदा भी बेबसी में शब-सहर रोया यकीनन है।
दरख्तों पे खिले कुछ फूल भी जब हो गए पत्थर।।

बड़ी उम्मीद लेकर मैं चली आई सुनो प्यारे।
मगर थी क्या खबर जज्बात तेरे हो गए पत्थर।।

मुलम्मा वक़्त का चढ़ता गया क्यूँ इस कदर बोलो।
कि पत्थर को सिखा हँसना तुम्हीं अब हो गए पत्थर।।

भरा किसने ज़हर दिल में तुम्हारे हमसफर इतना।
इरादे साथ जीने के भला क्यूँ हो गए पत्थर।।

हवा झौंका नहीं लाया कभी क्या मेरी यादों का।
कहाँ है दफ्न रोज़न इश्क अरमां हो गए पत्थर।।

नदी का साथ देने की तड़प पाली समन्दर ने।
निभाना खेल जो समझा तो, खारे हो गए पत्थर।।

यकीं करना हुआ मुश्किल कसम टूटे सितारे की।
शज़र कूँचे वही तुम बिन सभी अब हो गए पत्थर।।

सदा ही नाज़ था तुझपे मुझे ऐ दोस्त मेरी जां।
किया क्यूँ वार दिल पे ही ‘अधर’ भी हो गए पत्थर ।।
                                                          #शुभा शुक्ला मिश्रा ‘अधर’

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।