मुझको थोड़ा-सा मुस्कराने दो, दर्द के गीत———- मैं भी जिन्दा हूँ अभी महफिल में दिल को थोड़ा-सा बहल जाने दो, दर्द के गीत———-।   इक तस्वीर है ठहरी-ठहरी, मुझको पूरा उसे बनाने दो दर्द के गीत———–।   मैं बेवफा को खुदा कहता हूँ, उसकी यादों में डूब जाने दो […]

कह  गये  कबिरा  रहीमा  प्यार ही   है बंदगी। प्यार  करने  से  मिटे   मानस की सारी गंदगी। प्यार  ही  है भक्ति संगत प्यार  ही   है   साधना। प्यार  का  ही  नाम  दूजा  है अवध अब जिन्दगी॥ प्यार   करने   की  सज़ा देती  रही लेता   रहा। दिल […]

इसे संयोग ही मानता हूं कि,मध्यप्रदेश में जिस दिन पुलिस फायरिंग में छह किसानों की मौत हुई,उसी रोज कभी मध्य प्रदेश का हिस्सा रहे छत्तीसगढ़ से अपने गृहप्रदेश पश्चिम बंगाल लौटा था। मानवीय स्वभाव के नाते शुक्र मनाते हुए मैं खुद को भाग्यशाली समझने लगा कि,इस मुद्दे पर विरोधियों की […]

  आज मैने चाँद को जी भर कर देखा… ना उसे जाने की जल्दी थी,न मुझे कोई काम था… सुकून भरी रैना में मैं और मेरा नितान्त एकान्त था हवा भी दिन भर की तपन के बाद शीतल हो चली थी भागदौड़ भरे दिन और जलती दोपहरी की आखिरकार शाम […]

अब तो तेल भी न बचा चराग़ में,  ये दिल रोशन है वफ़ा की आग में। यूँ देख कर न हमसे नज़र घुमाइए, हम भी माली थे कभी इस बाग में॥ देते हैं दिल को वो तसल्ली जरूर, पर यकीं कैसे करें उनके इस राग में। खेला खूब दिल से […]

याद बहुत बचपन के वो दिन आते हैं, आज नहीं क्यों हम वैसे दिन पाते हैं। रजवाहे में डुबकी लगाना भूल गए, जल्दी में ही अब हर रोज़ नहाते हैं। बैठ जमीं पर तख़्ती लिखते थे पहले, चैन नहीं अब कुर्सी पर भी पाते हैं। गुल्ली-डंडा,दौड़ लगाना सब भूले, याद […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।