रूठकर दूर बैठी हो मुझसे,      ख़तायें इश्क में हुई है तुमसे ।   शिक़ायतें भूल गले लग जाओ,        जानेमन एक बार तो मिल जाओ ।।    वीरान है दिल का महल सनम,         नहीं सजती मोहब्बत की महफ़िल ।     […]

 गीतांजलि और सरिता दो ऐसी सहेलियां थी,जो एक दूजे के बिन नहीं रह सकती थी । दोनों के स्वभाव बिल्कुल विपरीत थे । गीतांजलि सरल और शांत स्वभाव की तो सरिता घमंडी प्रवृत्ति की थी ।  दोनों के विचारों में बहुत अंतर था । गीतांजलि, मध्यमवर्गीय परिवार की बेटी थी […]

विश्व के प्रतिष्ठित लोकतांत्रिक देशों में से एक आर्यावर्त ( भारत ) वर्तमान में दिशाविहीन सा प्रतीत होता है क्योंकि शक्तिशाली गणतंत्र के समक्ष अनेकानेक चुनौतियां हैं एवं हम अपनी विक्षिप्त मानसिकता और संकीर्ण कट्टरपंथी विचारधारा के कारण विश्व परिदृश्य से अपनी पहचान खोते जा रहे हैं । देश की […]

   सांसों के चलने से मेरी,         ये जिंदगी सलामत है ।    इश्क के सफ़र में मितवा,          दिल तेरी अमानत है ।।    चमन में चाहत के ग़ुल,          वफ़ा की ख़ुशबू देतें है ।     तुम मेरे […]

रास्ते सूने – वीरान पड़े हैं ,     प्यार की मंज़िल मिलती नहीं ।   दिख़ते हैं इस भीड़ में सब,        एक बस तू ही दिख़ती नहीं ।।  जिस्म तो हरक़त में है पर,        सांसें हैं जो चलती नहीं ।   रोज़ मिलन […]

बिन लालच – बिन मतलब के ,     प्यार वो लुटाती है ।  जग में ममता की मूरत,      मां वो कहलाती है ।।  कदम कदम पर दुनिया में,        रास्ता वो दिखाती है ।   बच्चों पर जो नेह बरसाये,        मां वो […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।