किसको सुनाएं गरीब कहानी गुरबत की। मर-मर के जीना है ये निशानी कुदरत की॥ न बरसात हो तो खेतों के सूखने का खौफ। अगर बरसात हो जाए फिक्र होने लगे छत की॥ गरीबी से हो जब रिश्ता,न रिश्तेदार रहते हैं। न खैर की उम्मीद,न उम्मीद किसी खत की॥ तमाम उम्र […]

सदियों पहले हो के तिरस्कृत, रोयी       सीता    माता    है। नारी   की उस   दीन दशा को, क्यों जग बार-बार दोहराता है? मिथ्या   आरोपों   का  जब, जगजननी ने न प्रतिकार किया। तभी अधम की बुद्धि के आगे, धर्म  ने अत्याचार     किया॥ […]

पहले जल-सी शीतल थी, अब आग के जैसे दहकती है.. सुनो इनकी आवाजों को, ये हवाएँ भी कुछ कहती हैं। पहले इनसे राहत थी, अब यही तकलीफ देती है… इसमें इनका कोई दोष नहीं, हम इंसानों की ही गलती है… सुनो इनके दर्द को, ये हवाएँ कुछ कहती हैं। ये […]

झुलस के रह गई है हर एक ख्वाहिश मेरी। गर्म मौसम की इन गर्म हवाओं में। अजीब वो शख्स भरोसा न कर सका मुझ पर। कमी ही ढूँढता रहा मेरी वफाओं में। सबूत माँगने बालों को कुछ नहीं मिलता। झाँककर देखते नहीं क्यों निगाहों में। किसको रहना है दुनिया में […]

चलो मनाएं पितृ दिवस आज, आपने हमें बचपन से सिखाया आपने हमें खुश रखना ठाना, दुनिया की राह में चलना सिखाया। बूढ़े-बच्चों से व्यवहार करना सिखाया, आपके बिना रहा नहीं जाता.. दूर छोड़कर जाया नहीं जाता, पिता, पिता होता है, बेटा छोटा हो या बड़ा, हमेशा उसके साथ होता है। […]

बेवजह ही बेजुबां दिल हो गया, अरमानों का अपने ही कातिल हो गया। मेरी उम्मीद जब बोली, तू शायद हमारा हो। हम बोले डुबोने बाला कब से साहिल हो गया॥                                         […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।