काव्य संग्रह…………. राजकुमार जैन ‘राजन’ का प्रस्तुत काव्य संग्रह “खोजना होगा अमृत कलश” प्राप्त करने का सौभाग्य मिलने से हमें बहुत ख़ुशी हुई है | देव-दानव “अमृत कलश” के लिए एक दुसरे से लड़ाई कर रहे थे | इसे प्राप्त करने की स्पर्धा चलती थी | हमें कोई संघर्ष नहीं […]

आज इंटरनेट यानि अंतरजाल के माध्यम से कहानियां, कविता,उपन्यास, संवाद,ग्रंथ, समाचार पत्रिका,ई-बुक्स एवं ई-पत्रिका ने अपनी जड़ें मजबूत करने के साथ-साथ हिंदी का प्रचार-प्रसार भी बढ़ाया है। आप कविता या कहानी लिखते हों,तो आज के कवि या लेखक को अंतरजाल चलाना पहले ही चलाना सीखना होगा,क्योंकि अपनी रचनाएं लाखों लोगों […]

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सूरज है आग का गोला, जलता है ,बनकर शोला। किरणों में है,पराबैंगनी, सबके लिए,घातक बनी॥ धन्यभाग,हम मानव का, जो कवच है इस धरा का। ओज़ोन परत वो कहलाए, घातक किरणें आ न पाए॥ आज छेद होने का है डर, भोग विलास का है असर। एसी,फ्रिज,उर्वरक से रिसे, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन गैसें॥ […]

चार -पाचँ दिन से भिड़कर पूरण ने एक जोड़ी `पनही` तैयार की थी। उसके बाप-दादा भी पटेलों के लिए पनही और पटलनों के लिए बाणा गढ़ते-गढ़ते ही मरे-खपे थे। यह पूरण का ख़ानदानी काम था। पनही में एक-एक टाँका बहुत मन से टाँकने के बाद पूरण उन्हें चमकाने में जुटा […]

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  सदी की घड़ी में रुक गया तलाक, सुप्रीम कहे कानूनी नहीं है तलाक। तलाक को किया गया तोड़ मरोड़, ख़ुश हो  गई महिला नौ करोड़। सुशील है देश के प्रधानमंत्री मोदी, तलाक के लिए कानूनी राह सोधी। देश में मुसलमान हो या फिर ख़ान, कानून तलाक से आ गई […]

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कम्बख्त ये ज़िन्दगी भी कितने दर्द देती है, कभी भूले तो कभी बिछड़े देती है।     बचपन में यारों की पीठ पीछे खिलौने देती थी, अब तो पीठ पीछे यारों के हाथों में ख़ंजर देती है।     बचपन में गुड्डे-गुड़ियों की शादी में नाचते थे, अब तो मालिक […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।