तुम बनो कान्हा मनभावन, मैं अधरों पे शोभित बाँसुरी। तुम लय ताल सखे, मैं राधिका गीत लय की। बरखा की छम-छम बूँदों-सा, छल-छल बहता हृदय सरल, प्रकृति के इस उपवन में खिलखिलाता पुष्प, सुरभित पवन…। कोयल की कुहू, भ्रमराें का गुंजन नाचे मयूर सतरंगी मन…। तुम बनो कान्हा मनभावन मैं […]

  (विश्व हिंदी दिवस विशेष)  शायद कुछ लोग मेरे विचारों से सहमत न हों,मुझसे रुष्ट हो जाएं,भला-बुरा कहें। हो सकता है कि वे ही सही हों,पर मैं तो अपने मन की ही कह सकता हूँ। जो देखता आया हूँ,जो देख रहा हूँ,वही कह सकता हूँ। जैसे-जैसे देश में हिंदी के […]

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जब प्रात समीर के झोंकों से मस्ती छन-छनकर आती है, मकरन्द-गन्ध जब भ्रमित भ्रमर के होंठों को ललचाती है। रससिक्त तुम्हारे अधरों की, मृदु कोमलता तरसाती है। जब पावस की रिमझिम फुहार धरती की प्यास बुझाती है, झींगुर की झंकार प्रबल मन को पुलकित कर जाती है। जब मतवाली कोयल […]

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पिलाकर दूध झट शिशु को,फटाफट हो गई रेडी, उठाया पर्स,मोबाइल,घड़ी,चाभी,चतुर लेडी। इधर ताके-उधर ताके,नहीं जब ध्यान कुछ आया, लगा आवाज आया को,वही फिर प्रश्न दुहराया। कहीं कुछ रह तो नहीं गया… प्रश्न में कुछ भी कहाँ नयाll बिदा बिटिया हुई जैसे,हुई बारात ज्यों ओझल, अटैची-बैग लेकर के हुए तैयार सब […]

रेशम से बाल और  गाल गोरे-गोरे लगे, कल्पना में मेरी  रति-सी लगती हो तुम।  कमर को देखूं तो लगो तुम सरिता-सी,  आँख देख मृगनयनी-सी लगती तो तुम। हाथ-पैर तेरे कल्पवृक्ष की शाखा से लगे, बदन को देखूं तो गुलाब लगती हो तुम। अंग-अंग देख के मदहोश होय मेरा मन,  चाहत […]

धनिया धनवन्ती जी बनकर, झाड़ू-पोंछा-बर्तन तज कर बनकर सुशिक्षिता गाँवों में, अपना उद्योग चलाएगी। कोई न किसी का चर होगा, मजदूर-कृषक साक्षर होगा जब रधिया कोरे कागज पर, अंगूठा नहीं लगाएगी। जब तज कर यह बंदूकराज, आतंकहीन होगा समाज कोई गोली आकर गांधी का, सीना चीर न पाएगी। फिर मिलकर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।