वो सुबह कभी तो आएगी…

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ashok gupta
धनिया धनवन्ती जी बनकर,
झाड़ू-पोंछा-बर्तन तज कर
बनकर सुशिक्षिता गाँवों में,
अपना उद्योग चलाएगी।
कोई न किसी का चर होगा,
मजदूर-कृषक साक्षर होगा
जब रधिया कोरे कागज पर,
अंगूठा नहीं लगाएगी।
जब तज कर यह बंदूकराज,
आतंकहीन होगा समाज
कोई गोली आकर गांधी का,
सीना चीर न पाएगी।
फिर मिलकर ईद मनाएंगे,
होली के रंग जमाएंगे
जब मंदिर की बाँहें हँसकर,
मस्जिद को गले लगाएंगी।
सबको समान अवसर होंगे,
सम्पन्न सभी के घर होंगे
नव वधू दहेज की वेदी पर,
जिस दिन न जलाई  जाएगी।
सर्वत्र सहज शान्ति होगी,
ना आन्दोलन क्रान्ति होगी
मिट जाएंगे सब भेदभाव,
धरती ही स्वर्ग कहाएगी।
वो सुबह कभी तो आएगी…॥
#अशोक कुमार गुप्ता
परिचय:अशोक कुमार गुप्ता की जन्मतिथि-८ जनवरी १९५५ तथा 
जन्म स्थान-इमामगंज,जिला-गया (बिहार) है। आप वर्तमान में शहर हजारीबाग में काॅलेज मोड़ (झारखंड) में निवासरत हैं। स्नातक तक शिक्षित श्री गुप्ता का कार्यक्षेत्र-झारखंड सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग में वन क्षेत्र पदाधिकारी (सेवानिवृत्त) रहा है। सेवानिवृत्ति के उपरांत साहित्य एवं समाजसेवा में सक्रिय हैं। आपके लेखन की विधा-कविता,गीत एवं यात्रा संस्मरण है। स्थानीय पत्र-पत्रिकाओं में आपकी कविताओं का प्रकाशन हुआ है।
सम्मान में कोई विशेष नहीं,पर स्थानीय स्तर पर कविताओं का सम्मान किया गया है। उपलब्धि यही है कि,दुमका जिला साक्षरता कार्यक्रम में प्रस्तुत कविता का उपयोग किया गया। आपकी दृष्टि में लेखन का उद्देश्य-व्यक्ति से समष्टि की यात्रा,एक बेहतर समाज के निर्माण में अपनी उपयोगिता की तलाश, सामाजिक विसंगतियों और विडंबनाओं को दूर करने में अपने हिस्से की लड़ाई लड़ना है।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।