सेवा करना माता-पिता और बुजुर्गों का सम्मान, गुरूजनों का आदर करना , यही सिखाता  घर संसार। हिन्दु-मुस्लिम सिक्ख ईसाई हम सब हैं भाई-भाई, मिलजुलकर रहने की शिक्षा, देता है यह घर संसार। रूठ गये जो अपने उनको मोहब्बत का देकर आधार , सिखालाता मिलजुलकर रहना, ऐसा मेरा घर संसार। हार-हराकर […]

गुरु ज्ञान का भंडार होता है। शिष्यों का गुरु के प्रति आगाध विश्वास ही सफलता की राह पर ले जाती है।किसी भी देश के उज्ज्वल भविष्य का निर्माता माता-पिता और गुरु ही होते है। हिंसा करना और हिंसा से जवाब देना हर प्राणी को आता है और ये आम बात […]

हे मानव उठो जागो मुश्किलों को दूर करो राहें कंटीली पर रूकना नहीं लाख बेडियाँ सही पर झुकना नहीं संघर्ष करो हाँ ! संघर्ष करो संघर्षों से निखरा जीवन विजय पाता कठिनाइयों पर भ्रष्टाचार मिटा दो पढ़ा दो पाठ नैतिकता का सदाचार अपनाओ हिम्मत से बढ़ो सही राह पर राहें […]

माँ तू ही एक ऐसी अनोखी कृति है, जिसकी अपने जैसा गढ़ना ही वृत्ति है। देती है संतान को जन्म मौत से लड़कर भी, बनाती है फिर उसको,अपने से बढ़कर भी। मां बनकर मातृत्व लुटाना,तेरे ही बस की बात है, दी है ईश्वर ने केवल तुझे,ये सौगात है। गोद में […]

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झर जाते हैं सूखे पत्ते, आती है नई कोपलें आ जाती है गेंदे की बहार, तब बसन्त होता है…। पीले पुष्प,पीली सरसों, पीला परिधान,पीला श्रृंगार बनते हैं पीले पकवान, तब बसन्त होता है…। ज्ञान की देवी,स्वर की जननी, माँ सरस्वती,वीणा वादनी होता है माँ वासन्ती का जन्मोत्सव, तब बसन्त होता […]

आओ सूरज की किरणों, तुम्हें अपनी बांहों में समेट लूँ, न फिर हो कहीं अंधेरा, किसी की जिंदगी की राहों में। न हो कोई बेबस,बेसहारा, किसी की निगाहों में, न हो कोई मजबूर, न हो कोई मजलूम कभी भी। हर मजबूर को थोड़ी-सी उम्मीद का प्रकाश दे सकूँ, इसलिए- आओ […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।