तुम हो आशा हमारी, जीने का सहारा तुम हो। भवसागर में फंसे हम, जिसका किनारा तुम हो। तुझसे है धरा पर जीवन, तुझसे ही साँसे हमारी। तुझसे हर सुबह हमारी, तुझसे ही रैन हमारी। रखना ख्याल सबका, बस इतनी सी कृपा हो। भवसागर में फंसे हम, जिसका किनारा तुम हो […]
हे धरती के भगवान सुनो, करना हम पर उपकार सुनो। चाहे विपदा कितनी भारी हो, चाहे कितनी बड़ी बीमारी हो। तुम कभी ना हिम्मत हारे हो, तुम तारनहार हमारे हो। धरती के …………… चाहे दुर्घटना हो जाए कभी, हड्डी पसली टूट जाए कभी। एक्सरे, प्लास्टर करवाते हो, हम सबकी जान […]
पुलवामा के घावों पर, मरहम आज लगाया था। वायुसेना के वीरों ने , बालाकोट उड़ाया था। गद्दारों की बर्बादी को, गुपचुप जाल बिछाया था। एयर स्ट्राइक करने का, वीरों ने प्लान बनाया था। भारत माँ के सपूतों ने, दुश्मन को मजा चखाया था। बारह दिन के अंदर ही, गद्दारों का […]
फितरत से वो बाज ना आएं, जो दिल के काले होते हैं। चेहरे पे चेहरे लाख चढ़ाएं, जो झूठ के पुतले होते हैं। हर पल और हर मौसम में, गिरगिट सा रंग बदलते हैं। दौलत शौहरत की खातिर , अपना ईमान बेचते हैं। मिश्री से बोल जुबां पे रहते, शुभचिंतक […]
सन्त सिपाही भारत के, तुमको लख लख करें नमन। तुम्हारे पावन चरणों में, हम श्रद्धा सुमन करें अर्पण। मिश्री सी मधुरता वाणी में, बड़े सहज, सरल विचार। भक्ति ,शक्ति का संगम हो, धर्म ही जीवन का सार। वीर हुआ ना तुम सा कोई, ना तुम सा कोई बलिदानी। इतिहास के […]
तू ही मेरी मदर है, तू ही मेरी माता, तू ही अम्मा, आई मेरी, तू ही है जग माता। मुझको दिया है जीवन तूने, तूने ही मुझको पाला, खून से अपने सींचा तूने, हर पल में तूने ही मुझे संभाला। उंगली पकड़कर तूने मां चलना सिखलाया मुझको , लड़खड़ाए जब […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।