जगुआ को मरे आज पूरे पन्द्रह साल हो गये | उसकी बेटी भूरी जवान हो चुकी है | उसके जैसी सुंदर चाल-ढाल वाली लड़की पूरे गांव में तो क्या पूरी तहसील में नहीं है | उसके सौन्दर्य पर पागल हो रहे गाँव के मुखिया का लड़का साहिल हमेशा इसी ताक […]

नरेगा यानी कि मनरेगा ! भारत सरकार की वह योजना, जिससे गरीबों का भला होने वाला था, परन्तु भला हो गया मनरेगा से जुड़े अधिकारियों का | उन्हीं अधिकारियों में से एक हैं सम्पतराम, जो कभी टूटी-फूटी साईकिल पर चला करते थे, वे आजकल बुलेरो गाड़ी से मंत्री वाले ठाठवाठ […]

काँइं – काँइं करती हुई लँगड़ी कुतिया अपना टूटा पैर खींचती हुई बाहर चली गई | काकी ने बड़ी जोर से बेचारी कुतिया की पीठ पर डडोका (लट्ठ) जो मारा था | काकी की ये हरकत आर्यन को कतई अच्छी नहीं लगी | वो रुआँसा सा होकर काकी से बोला […]

संजीव कुमार गंगवार जी की नवीन कृति – हमारे व्हॉटस् एप वीर प्राप्त हुई | ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय को प्राप्त यह पुस्तक अब तक की सबसे श्रेष्ठ पुस्तक है हास्य के क्षेत्र में, हंसता-गुदगुदाता व्यंग्यों का अनमोल गुलदस्ता है उक्त संग्रह | सोशल मीडिया के इर्दगिर्द लिखे व्यंग्य पाठकों […]

स्वर्ग से सुंदर प्यारा-न्यारा अपना घर छोटा हो या हो बड़ा कच्चा हो या हो पक्का जैसा भी हो कैसा भी हो सबसे बढ़िया होता अपना घर सुख-शांति असीम तृप्ति आनन्द की खान अपना घर जाड़ा-गर्मी और बरसात से सहज बचा लेता अपनों के प्यार-स्नेह से महक उठता घर घर […]

गम के ये पहाड़ से दिन ऐ जिंदगी तू कब तक दिखायेगी मैं रंगूगा नहीं तेरे रंग में मैं जिऊंगा उसी ढंग में जैसा बनाया परमेश्वर ने मुझे… मैं एक समस्या सुलझाता हूँ तू सैकड़ों लाकर खड़ी कर देती है मेरे सामने पर तू इतनी सी बात मेरी सुनले मैं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।