ज़ाम छलकाने पर ज़ाम लगने की खबर पढ़ते ही हमारे पड़ोस के काका जिनके रात्रि के कार्यक्रमों(करतूतों) से सारा मोहल्ला मनोरंजन करता था,उनके घर में सन्नाटा-सा छा गया।हम काका की ख़ामोशी से विचलित होकर उनके हाल-चाल लेने उनके घर जा पहुंचे। काका गुमसुम-से खटिया पर निढाल पड़े थे। हमने जय […]
मातृभाषा
मातृभाषा
मेरी जीवंत स्मृतियों में आज भी शामिल है एक सहज सरल उमंगता बचपन। संयुक्त परिवार के रिश्तों की झिलमिल कड़ियां………शरारतें……….पढ़ाई……….. गुरूजनों का सम्मान……..संवेदना से भरा संसार………..इन्हीं सबमें मेरे विश्वास श्रद्धा को विनत भाव का एक पुष्ट संस्कार मिला। खुशनुमा बचपन में लौटती हूँ तो,वहाँ ढेरों खुशियों के साथ साथ बीत […]