उम्र से कोई बड़ा नहीं होता। यदि आपकी सोच बड़ी हो और लक्ष्य लेकर आत्मविश्वास से आप आगे बढोगे तो सफलता की राह में कोई बाधक नहीं बन सकता। ऐसी ही कहानी है बाल अभिनेत्री वान्या सिंह की। केवल 13 वर्ष की वान्या ने जो करिश्मा करा वह […]

    राजकीय विद्यालयों के शैक्षिक स्तर को सुधारने के लिए प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक सरकार द्वारा अनेकों योजनाएं लागू की है। फिर भी सरकारी स्कूलों का स्तर नहीं सुधर रहा है। शिक्षकों को भारी वेतन मिलता है। लेकिन पढ़ाई का स्तर ठीक नहीं है।   प्राथमिक […]

शब्दों का  मधुर गुंजन कविता होती है। भावना की अभिव्यक्ति कविता होती है।। छन्द मात्रा लय ताल सुर कविता होती है। जीवन मे माधुर्य लुटाये वो कविता होती है।। प्रकृति का अतुलित आनन्द कविता होती है। संघर्षों में विजय दिला दे वो कविता होती है।। सत्पथ पर सबको चला दे […]

*नोबल पुरस्कार से सम्मानित रवीन्द्रनाथ टैगोर की यादों का गुलदस्ता* संदर्भ:- 7,मई, टैगोर जयंती -राजेश कुमार शर्मा”पुरोहित” शिक्षक एवम साहित्यकार     कलकत्ता ब्रिटिश भारत मे 7 मई 1861 को देवेन्द्रनाथ टेगोर व माता शारदा देवी के घर जन्में रवीन्द्रनाथ टैगोर देश के सुप्रसिद्ध लेखक,कवि,नाटककार,संगीतकार एवम चित्रकार थे। वे बांग्ला […]

   परिवार में जिनकी आयु साठ वर्ष हो गए या जिनकी सेवानिवृति हो गई। वे वरिष्ठ नागरिक कहलाते हैं। वरिष्ठ जन ही परिवार की नींव होती है। लेकिन आज की पीढ़ी वरिष्ठ के साथ रहना पसन्द नहीं करते। वे एकल परिवार में स्वतंत्रता के साथ रहना चाहते हैं। किसी की […]

7 अप्रैल( जन्म दिवस)   देश के प्रसिद्ध सितारवादक एवम संगीतज्ञ पण्डित रविशंकर चौधरी का जन्म 7 अप्रैल 1920  को बनारस,ब्रिटिश भारत मे हुआ था।  पश्चिमी बंगाल के एक बंगाली ब्राह्मण परिवार में इनका जन्म हुआ था। ये एक प्रख्यात वकील के बेटे थे।  ये दस साल की उम्र में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।