जब योवन पर आती नदियाँ मछलियाँ तब नदी के प्रवाह के विपरीत प्रवाह पर तेरती छोटी -छोटी धाराओं पर चढ़ जाती सीधे * नदियाँ मिलना चाहती समुद्र से मछलियाँ देखना चाहती नदियों का उद्गम * सागर से मिलती जब नदियाँ लाती साथ में कूड़ा करकट सागर को बताने ऐसे हो […]

उस मिश्रित आबादी वाले मौहल्ले में किसी संस्था द्धारा महिला सभा आयोजित हुई। सभा में अमीर-गरीब सभी महिलाओं को आमंत्रित किया गया था। सभा शुरू होने से पहले एक अमीर महिला ने दिवाली के दिन महंगा बड़ा टीवी ख़रीदने की बात मौजूद महिलाओं को बताई। सभी ने उसकी बात सुनी, […]

गानों  की कल्पना,राग,संगीत के साथ गायन  की मधुरता  कानो  में मिश्री घोलती  साथ ही साथ मन को प्रभावित भी करती है | गानों का इतिहास भी काफी पुराना है | रागों के जरिए दीप का जलना, मेघ का बरसना आदि किवदंतियां प्रचलित रही है ,वही गीतों  की राग ,संगीत  जरिए  घराने भी […]

स्कूल की जब होती छुट्टी ऐसा लगता मानों बगीचे में उड़ रही हो रंग -बिरंगी तितलियाँ  । तुतलाहट भरी मीठी बोली से पुकारती अपने पापा को पापा … इतनी सारी नन्ही रंग -बिरंगी तितलियों में मुझे ढुंढने लग जाती पिता की आंखे । मिलने पर उठा लेते मुझकों वे गोद […]

करवाचौथ के दिन पत्नी सज धज के पति का इंतजार कर रही शाम को घर आएंगे तो छत पर जाकर चलनी में चाँद /पति का चेहरा देखूँगी ।पत्नी ने गेहूँ की कोठी मे से धीरे से चलनी निकाल कर छत पर रख दी थी । चूँकि गांव में पर्दा प्रथा […]

‘स्वच्छता ही सेवा ‘ विशेषांक  गोपाल कौशल की कविताओं एवं बच्चों द्धारा रेखांकन व् कविताओं से भरा सुन्दर गुलदस्ता है | जिसमे स्वच्छता के मायने क्या होते है को बेहतर तरीके से बताया है ताकि अन्य भी इस पत्रिका से प्रेरणा लेकर स्वच्छता ही सेवा के भाव में सम्मिलित हो के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।