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मैं हूँ एक किसान का बेटा शहर को क्या करने जाऊंगा, सुख-दुख सब सहकर मैं जननी जन्मभूमि की सेवा में जीवन अपना लगाऊंगाl मैं हूँ एक किसान…ll सुने हैं चर्चें मैंने भी शहरों के, करते हैं नौकरी मर-मर के चाहे हो त्योहार या बीमार, छोड़ के अपना घर-परिवार दिवस रोज […]

वाह रे वाह जमाना, मिलती न जिन्हें आधुनिकता,सुख,प्यार तो शुरु करते हैं अत्याचार, भुलाकर मानवता की सीमा रच ढोंग अध्यात्म का, चलाते हैं व्यापार वाह रे वाह जमाना l मानवता का ज्ञान न जिसको,  वह खुद को ईश्वर का प्रतीक बताता राम-रहिमन की मर्यादा की, है बोली ऊँचे मंचों से लगाता वाह […]

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हे प्रभु मोहि विनती सुनो इक बार, ले विश्वास मैं दौड़ा आया कब से खड़ा हूँ तेरो द्वार l हे प्रभु मोहि…………..ll ले लो शरण अपने रज बीच, दे दो मोहि सुखधाम जनम-जनम की बिगड़ी बना दो, कर सुख-दुख एक समान l हे प्रभु मोहि विनती सुनो इक बार ll […]

प्यार को वो केवल एक शब्द ही मानते हैं, प्यार क्या है केवल वो दिवाने ही जानते हैं। प्यार का सेतु राम ने सीता हेतु  बनाया है, शिला पर राम लिख़ सागर में तैराया है। प्यार राधा और कृष्ण की अनुपम जोड़ी है, मीरा के श्याम प्रेम की एक अटूट […]

माई रे गोकुल का ग्वाला,  वो नटवर मधुर मुरलीवाला श्याम छवि  माथे मुकुट मोर पंख विराजत गले सोभे वैजन्ती माला, माई रे गोकुल का ग्वालाl  जब पहन पियर पिताम्बर घूम, गली-गली मनभावन खेल दिखाता जड़ चेतन आनन्दित कर दुष्टों को भी हर्षाता, गोकुल का ग्वाला l  बाल सखा संग जब […]

    राही तू चलते चल, टेढ़ी-मेढ़ी  हो डगर रुकना नहीं तू मगर, मंजिल पाना हो अगर। अपना रास्ता खुद चुनना होगा, एक लक्ष्य बनाकर चलना होगा चुनौती को स्वीकार करना होगा, कसौटी पर खरा उतरना होगा अपनी समझदारी दिखानी होगी, मंजिल को आसान बनाना होगा। भूल-भुलैया-सी इन राहों में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।