प्यार

0 0
Read Time1 Minute, 43 Second
bhadresh jha
प्यार को वो केवल एक शब्द ही मानते हैं,
प्यार क्या है केवल वो दिवाने ही जानते हैं।
प्यार का सेतु राम ने सीता हेतु  बनाया है,
शिला पर राम लिख़ सागर में तैराया है।
प्यार राधा और कृष्ण की अनुपम जोड़ी है,
मीरा के श्याम प्रेम की एक अटूट डोरी है।
चाहे उद्धव भी दे दें अपने ज्ञान का बखान,
सच कहें तो दुनिया प्रेम के बिना अधूरी है।
प्यार ईश्वर का एक अनुपम उपहार है,
इसका हर पल एक अलौकिक श्रृंगार है।
प्यार जिसने सच्चा इस जग में पाया है,
वो बिरला एक सच्चा प्रेमी कहलाया है॥
                                                                 #भद्रेश झा ‘भद्र’ 
परिचय: भद्रेश झा ‘भद्र’ राजस्थान के शहर बाँसवाड़ा से सम्बन्ध रखते हैं।आपकी जन्मतिथि-५ फरवरी १९७८ तथा जन्म स्थान-बाँसवाड़ा ही है।शिक्षा-बी.ए. सहित आशुलिपिक (अंग्रेजी) और कार्यक्षेत्र शिक्षा विभाग(वरिष्ठ लिपिक) है। सामाजिक रुप से आप सं.रा.क.महासंघ(बाँसवाड़ा) के अध्यक्ष हैं। विधा-ग़ज़ल,कविता है,और प्रकाशन की तैयारी जारी है। काव्य भूषण सम्मान मिल चुका है।दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशन व रेडियो पर काव्य पाठ जारी है। लेखन का उद्देश्य साहित्य में रुचि है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

नज़र से नज़र मिली

Fri Aug 18 , 2017
नज़र से जब उनकी नज़र मिली तो नजर थम गई, किया जब हमने ईश्क का जिक्र तो कायनात पिघल गई। हम तो यूं ही पीते रहे नैनों से शराब उनके, जब ईश्क-ए-मोहब्बत किया तो शबाब बन गई। कुछ इस कदर बयां किया हमने हाल-ए-दिल आंखों से, हम दिल का हाल […]

पसंदीदा साहित्य

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।