प्यार

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bhadresh jha
प्यार को वो केवल एक शब्द ही मानते हैं,
प्यार क्या है केवल वो दिवाने ही जानते हैं।
प्यार का सेतु राम ने सीता हेतु  बनाया है,
शिला पर राम लिख़ सागर में तैराया है।
प्यार राधा और कृष्ण की अनुपम जोड़ी है,
मीरा के श्याम प्रेम की एक अटूट डोरी है।
चाहे उद्धव भी दे दें अपने ज्ञान का बखान,
सच कहें तो दुनिया प्रेम के बिना अधूरी है।
प्यार ईश्वर का एक अनुपम उपहार है,
इसका हर पल एक अलौकिक श्रृंगार है।
प्यार जिसने सच्चा इस जग में पाया है,
वो बिरला एक सच्चा प्रेमी कहलाया है॥
                                                                 #भद्रेश झा ‘भद्र’ 
परिचय: भद्रेश झा ‘भद्र’ राजस्थान के शहर बाँसवाड़ा से सम्बन्ध रखते हैं।आपकी जन्मतिथि-५ फरवरी १९७८ तथा जन्म स्थान-बाँसवाड़ा ही है।शिक्षा-बी.ए. सहित आशुलिपिक (अंग्रेजी) और कार्यक्षेत्र शिक्षा विभाग(वरिष्ठ लिपिक) है। सामाजिक रुप से आप सं.रा.क.महासंघ(बाँसवाड़ा) के अध्यक्ष हैं। विधा-ग़ज़ल,कविता है,और प्रकाशन की तैयारी जारी है। काव्य भूषण सम्मान मिल चुका है।दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशन व रेडियो पर काव्य पाठ जारी है। लेखन का उद्देश्य साहित्य में रुचि है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।