या तो बिगाड दे या तो संवार दे ये जिस्म मे जो जान दी है लग रही बडी महेंगी है मेरे बस के बाहर है ऐ मौला,,, जरा तु इसका हिसाब दे गुनाह जो करवाये तुने ही चल जरा इनको बख्श तु दे इतना कठीन समय दिया है इससे मिली […]

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धीर गंभीर,तुम मर्यादित सागर हमेशा तुम मर्यादित रहते, नीले आसमान-सा तेरा अम्बर मन हर्षित कर जाता है, उर में रत्नों का संसार समेटे तनिक घमंड न तुमको आता, उछलती-कूदती और लहराती लहरें धरती का आलिंगन करने, किनारे तक आतीं नृत्य करतीं और लहराती, हर-हर कर शब्द निरंतर मन पुलकित कर […]

             शत-शत नमन…,             भारत में हो अमन…। सागर तेरे चरण पखारे रक्षक बन पर्वत संहारे, नित-नित हम शीश झुकाते…॥ वृक्ष जहां अम्बर कहलाते हरियाली बन धरा सजाएं, क्यूँ न हम शीश झुकाएं…॥ पावन माटी सोना उपजाती खलिहानों से भूख […]

जीएसटी,जीएसटी का चौतरफ़ा हल्ला मचा हुआ है। बहुत सारे लोग चकरा गए हैं कि यह कौन-सी बला है भला! पढ़े-लिखों की माने तो पूरे देश में अब एक समान कर व्यवस्था लागू होने जा रही है। सरकार ने अलग-अलग चीज़ों को उनकी उपयोगिता के मुताबिक़ बाँट दिया है,ताकि निशानदेही में […]

विपिन के वाट्सऐप समूह पर एक वीडियो आया था। सन्देश था-अवश्य देखें और दूसरों के साथ साझेदारी करें। विपिन ने देखा तो दंग रह गया। मन ही मन सोचने लगा कि,यह तो समाज की शांति भंग कर सकता है। वह भागकर पंचायत पहुँचा तो वहाँ उसी की चर्चा हो रही […]

तीज ना कोई त्योहार, न ही ढोल-मल्हार होली,राखी न दीवाली, रोज मनाते ये उत्सव..॥ कोई बंधन न कोई मन्नत, कदम-कदम मिलाएं हरदम हँसना और हँसाना मीत जैसा ये उत्सव..॥ मोड़ एक यहीं चौखट, याद आता गाँव-चौपाल हौंसला अपना राह नई, क्यों न फिर मनाएं उत्सव..॥ रंजो-ऐ-गम कभी नहीं, न वक्त […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।