“आज हिम्मत करके आया था कि आज तो प्रपोज कर ही दूंगा”! KST के किनारे लक्खी  बुर्ज पर मिलना था उससे!  मैं असमंजस में था कि क्या गिफ्ट दूं फिर अचानक से याद आया कि गोल्डन पेन दे देता हूँ  हमेशा साथ रखेगी!  Deo छीड़ककर मिलने को तैयार हुआ और […]

मैं उसके बताये पते पर टाइम से पहले ही पहुँच गया था,  मिलने की ललक जो थी !  आसमान में पक्षी उड़ रहे थे और पानी की लहरें हिलोरे ले रही थी जैसे बाँहे फैलाकर प्रीतम से मिलने को आतुर हो!  KST के किनारे कबूतरों का झुंड और आसमान में  […]

तुम मिले और मेरी जिंदगी में आ गये, मैं तुम्हारे लिए ही स्टेटस लगाता हूँ ताकि तुम मेरी फीलिंग को समझ सके, तुम कहीं बार मेरे मैसेज को अनदेखा करते हो, फिर भी मैं तुम्हें मैसेज करता हूँ, तुम बिना गुड नाईट किये सो जाते हो, फिर भी मैं गुड […]

1

रतनगढ़ | प्रतिवर्ष बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा उत्तराखंड द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर बालकहानी प्रतियोगिता आयोजित की जाती है.  इस प्रतियोगिता में विभिन्न स्तर पर बालकहानियां को आमंत्रित कर आयोजक समिति द्वारा एवं बच्चों द्वारा मूल्यांकित कहानियों को पुरस्कृत किया जाता है.  इस वर्ष 2018 की अखिल भारतीय राजेंद्र सिंह बिष्ट […]

दिल में सौ दर्द पाले बहन-बेटियाँ घर में बाँटें उजाले बहन-बेटियाँ कामना एक मन में सहेजे हुए जा रही हैं शिवाले बहन-बेटियाँ ऐसी बातें कि पूरे सफ़र चुप रहीं शर्म की शाल डाले बहन-बेटियाँ हो रहीं शादियों के बहाने बहुत भेड़ियों के हवाले बहन-बेटियाँ गाँव-घर की निगाहों के दो रूप […]

2

 यूं ही चलते चलते मैंने  रितिका से पूछ लिया था कि ‘पानीपूरी खाओगे’ ,  उसने हाँ में गर्दन  हिलाते हुए कहा- हाँ, जरूर,  तुम जो खिला रहे हो ! हम रोड क्रॉस करते हुए पानी पूरी वाले के पास गए!  दोनों पानीपुरी खाने लगे ! वैसे तो रितिका और मैं […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।