मौत की जबसे यारों ख़बर आ रहीं है मुझे तो कयामत नज़र आ रहीं है काश कि, रैलियां काफ़िले जो न होते आज आँखे हमारी भर आ रही है मौत की यारों…. घुल गया है जहर बू भी आने लगी उस शहर से हवा इस शहर आ रही है मौत […]
खून का रंग लाल अच्छा नहीं लगता हो रहा जो बवाल अच्छा नहीं लगता आएंगे अब अच्छे दिन, बात पुरानी है जहन में ये खयाल अच्छा नहीं लगता बिक रहा जिधर देखो मौत का सामान ढोल नगाड़े गुलाल अच्छा नहीं लगता बिछाया है किसी ने गरीबों को फंसाने हकीकत यही […]
बेशक शब्दों में चिंगारी रखो लेकिन अच्छे लोगों से यारी रखो कवि हो तुम कवि धर्म तुम्हारा निष्पक्ष अपनी कलमकारी रखो कहते हैं आईने हो तुम समाज के बेशक लेखन अपना जारी रखो कहते हो गर कलमकार खुद को कलम के प्रति वफ़ादारी रखो लोग चाटुकारिता पर उतर आए शर्म […]
हमने देखे यहां रंग बदलते लोग क़ामयाबी पर किसी की जलते लोग अहसान फ़रामोश भी बहुत मिलेंगे औरों के टुकड़ों पर पलते लोग कामचोर हरामी बहुत निक्कमे देखें कितने पैंतरे बदलते लोग बातों का जिनकी नहीं कोई ठिकाना किये अपने वादों से मुकरते लोग संगीन गुनाहों पर भी लिप्त मिलेंगे […]
खूब लड़ी मर्दानी बन झांसी वाली रानी बन कब तलक लाचार रहे तू अवंती सी कहानी बन रुकना नही बढ़ती चल धारा प्रवाह सा पानी बन उठा तलवार जुल्म से लड़ नम्र नहीं अब तूफानी बन हे नारी कब तक अपमान सहे तू अब शौर्य की निशानी बन किशोर छिपेश्वर”सागर” […]
अपने दिल की हर बात लिखता रहा दिन क्या तमाम रात लिखता रहा एक पल भी आया न मुझको सुकून मैं अपने ही हालात लिखता रहा लम्हा कभी खुशी का तो कभी गम का खुद से ही किये सवालात लिखता रहा लोग शायर मुझको समझने लगे जबकि मैं अपने ख्यालात […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।