भारत में मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ माना जाता है, सरकार से सम्बंधित सारी योजना को जन- जन तक पहुँचाने में तथा जनता की आवाज को सरकार तक पहुचाने में मीडिया का अद्वितीय योगदान है,और इतना ही नहीं गाँव की हर छोटी-बड़ी घटना को समाचार पत्र के माध्यम से […]

भूमिका- एक समय था जब समाचार पत्र का प्रकाशन प्रारंभ हुआ। उस समय भारत परतंत्र था। समाज अशिक्षित था। चंद लोग ही शिक्षित थे। यह वह युग था जब अधिकांश लोग अपनी बात कहना तो चाहते थे किन्तु भाषा और लिखने की समस्या मुंहबांए खड़ी थी। शिक्षित वर्ग ने उनकी […]

जज़्बातों को छेडो़ मत, ज़ख्मों को कुरेदो मत जिन्दगी ये कुछ नहीं, टूटे हुए ख्वाब है मौन रह सब सहा, पग-पग दर्द रहा काँटों-सा ही चुभते ही, यहाँ पे गुलाब हैं नित नये दिखे रुख, समझ ना आये कुछ जिन्दगी न देती कभी, प्रश्नों का जवाब है अंधेरों से आ […]

प्राप्त जानकारी के अनुसार पं रामजस त्रिपाठी, नारायण*अधीक्षक*दोहाशाला साहित्य संगम संस्थान ने बताये कि दोहाशाला साहित्य संगम संस्थान दिल्ली द्वारा दिनांक 17/05/2019 नरसिंह भगवान के अवतार दिवस के उपलक्ष्य में  पटल पर सायं ८-९ बजे तक दोहा अंताक्षरी प्रतियोगिता आयोजित की गई।जिसमे एक शब्द विषय पर 6 मिनट का समय […]

है स्नेह अगाध से भरा हृदय गजब है सहने की क्षमता एक ओर दुनिया सारी एक ओर है मां की ममता है मां दुनिया में परमेश्वर की कृति सबसे प्यारी सब रिश्तों में सब नातों में मां ही सबसे न्यारी मां की महिमा क्या बतलाउं बस इतना कहता हूं  दुनिया […]

वो विरह वेदना सहती है, फिर भी न वो कुछ कहती है चाहें दिल में हो दर्द भरा, पर सदा प्रेम में बहती है वो सहनशील भी कितनी है,आखिर वो मेरी पत्नी है। जब भी बीमार मैं हो जाता, दादी के नुस्खे बतलाये दो और दो चार नही जोड़े, परिवार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।