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मेरे इश्क का वजूद तू, तुझसे जीवीत हर आरजू,,,
कभी सुबह की उमंग सी, कभी सुहानी शाम तुम,,
मेरे गीतो के अल्फाज सी, मेरी गज़लो की तान तुम,
नीली झील के जल में दिखती , नीले आसमान सी तुम,,
बातें बहुत तुमसे है करनी, मेरी सोच, मेरा ख्वाब तुम,,
आंखो से बयां कर दे हया, ऐसा देती पैगाम तुम,,
#सचिन राणा “हीरो”
हरिद्वार, उत्तराखंड
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