मोबाइल मस्ती…..

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krishna rb
आज फिर लिखना
        चाहुँगा ।
एक बात है जो कहना
        चाहुँगा ॥
हर सक्स खो गया,
मोबाइल मस्ती में ।
बस अब कुकुर भौंकते है,
हर बस्ती में
फेसबुक-व्हाट्सप पर सबने,
समय की मात्रा दुगुनी कर दी ।
जहाँ खेलते खेल कबड्डी,
वो गलियाँ सुनी कर दी ॥
मिल कर मौज किया करते थे,
सबका हाल बताया करते थे ।
अब खोल फेसबुक-व्हाट्सप पर
हाई-हेलॉ कर दी ॥
हाँ टूट रही है अब मानो,
सूखे तरुवर से डाली-डाली ।
घर,परिवार-पड़ोस का आँगन,
लगता है अब खाली-खाली ॥
हर सक्स खो गया,
मोबाइल मस्त में।
बस अब कुकुर भौंकते है,
हर बस्ती में ॥
यार मिला करते थे,
गाँव की हर चौपाटी पर ।
अब ग्रुप-ग्रुप से ,
मिला करते है।
चढ़ व्हाट्सप की छाती पर ॥
फेसबुक-व्हाट्सप पर पूरी
की पूरी आँख लगा दी ।
भाई-बहन की मस्ती में,
सबने धूल जमा दी ॥
मिलना जुलना भूल गए,
कई रिश्ते टूट गए।
फेसबुक-व्हाट्सप की यारी में,
अपने पीछे छूट गए ॥
हर सक्स खो गया,
मोबाइल मस्ती में।
बस अब कुकुर भौंकते है,
हर बस्ती में ॥
                                  #कृष्णा आर.बी.
                                     झालावाड़(राजस्थान)

matruadmin

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