आल्हा छन्द* (हिन्दी भाषा पर) हम सबका अभिमान यही है , इससे सबकी है पहचान। सबसे प्यारी हिंदी भाषा, इसमें बसी हमारी जान।। मान बढ़ाती हम सबका यह, फिर भी इससे हम अनजान। सहज, सरल, मनभावन है ये, हिन्दुस्तां की ऊँची शान।। #कृष्ण कुमार सैनी”राज” दौसा,राजस्थान  Post Views: 563

आज फिर लिखना         चाहुँगा । एक बात है जो कहना         चाहुँगा ॥ हर सक्स खो गया, मोबाइल मस्ती में । बस अब कुकुर भौंकते है, हर बस्ती में फेसबुक-व्हाट्सप पर सबने, समय की मात्रा दुगुनी कर दी । जहाँ खेलते खेल कबड्डी, […]

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कैसी थी कैसे खींचतान हो गई, मैं अब वीरों से वीरान हो गई । थी खुशियों की बौछार जहाँ, अब देखो खुला मैदान हो गई ॥ देख मानव का मानव से नृसंहार, लो मैं अब श्मशान हो गई ॥ कैसी थी कैसे खींचतान हो गई, मैं अब वीरों से वीरान […]

क्यूं कोसते हो उन लम्हों को, वो जिंदगी भी तो आप ही ने जी थी.. क्यूं कहते हो कि मैं मजबूर हूं, वो मजबूरी भी तो अपने सिर आप ही ने ली थी। क्यूं समझते हो उन लम्हों को बैखौफ, उन लम्हों की शुरुआत भी आप ही ने की थी। […]

अबके युग में घर बनवाना सबके बस की बात नहीं, महंगाई में दीए जलाना सबके बस की बात नहीं। गिट्टी-मोरम सरिया आदि सब बाबा के मोल हुए– अपने घर पर छत लगवाना सबके बस की बात नहीं॥                           […]

किसी बेदर्द से जज्बात का इजहार मत करना, भले ही दाब कर भेंटे कभी व्यवहार मत करना, बड़ा आसान-सा है आजकल दिल से भुला देना.. कभी भी हुस्न पर ‘नीरव’, किसी से प्यार मत करना । तुम्हारा नाम सुनते ही, हमारी आंख भर आई.. तुम्हारी बेवफाई चोट बनकर फिर उभर […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।