संकल्प कर चलो तुम पथ पर बढ़े चलो

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ankit jain
 तूफान कभी आंधी कभी वर्षाते बनके
बाधाएं आयेगी तेरी मंजिल में बहुत सी
इन मंजलो को तुम पार कर बाधाओ से लड़ो
संकल्प कर चलो तुम पथ पर बढ़े चलो
बच्चें जब चलना सीखते है सौ बार गिरते है
विश्वास चलने का कभी वो कम न करते हैं
तुम भी करो मन दृण पथ से भ्रमित न हो
संकल्प कर चलों तुम पथ पर बढ़े चलो
चाहे पथ में नीम सी कड़वाहटे मिले
चाहे कदम को रोकने बाधाओं का जंजाल है मिले
इन जाल से बचकर निकलो सफलता का मंत्र ले
संकल्प कर चलो तुम पथ पर बढ़े चलो
नदियां जैसी कल कल बहती चली जाये
चलते रहो का संदेश सब को देती ही जाये
संकल्प से परिपूर्ण हो पथ को सरल करो
संकल्प कर चलो तुम पथ पर बढ़े चलो
इतिहास ने परिश्रम के उदाहरण बहुत दिये
बहुत से वीर प्रयास से  सफल अमर हुए
तुम भी प्रयास कर नया इतिहास गढ़ चलो
संकल्प कर चलों तुम पथ पर बढ़े चलो
इस संसार में बुराई अनुशासन हीनता की वहार है
काजल की फैक्ट्री से बिन धव्वे निकलना समान है
इन बुराई को अच्छाई में अनुशासन से बढ़ चलो
संकल्प कर चलो तुम पथ पर बढ़े चलो
बाधाएं मिले पत्थर बन तो मूर्ति में बदल दो
यदि मिले पथ में शूल तो फूलों में बदल दो
पथको के लिए रास्ता सुगम कर चलो
संकल्प कर चलो तुम पथ पर बढ़े चलो
नाम-अंकित जैन
साहित्यिक उपनाम-विरागांकित
जन्म स्थान -पथरिया
वर्तमान पता- पथरिया जिला दमोह
राज्य-मध्यप्रदेश
शहर-पथरिया
शिक्षा- बी. ए.(अध्ययनरत)
विधा -गीत/कविता/लेख
अन्य उपलब्धियाँ- संगीत में गाना और बजाना दोनों में ही समाज के चहेता
लेखन का उद्देश्य- मात्र भाषा हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार और हिंदी भाषा को बढ़ावा देने का प्रयास करना 

Arpan Jain

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।