तोते से सीख

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anup sinh

मानव गया एक बार वन विहार को,
ढूढंने मनोरंजन के कुछ आहार को
वहीं मिला उसे एक ऐसा पक्षी,
जो बोलने में था कुछ नकलचीl
मानव बोलता था जैसा-जैसा,
वह बोल सकता था कुछ वैसा
देखकर मानव बड़ा चकित हुआ,
फिर सोचा कि यह तो उचित हुआl
मनोरंजन का अच्छा साधन मिल गया,
हर्ष ऐसा कि,मानो कोई धन मिल गया
मानव ने उसको बहलाया-फुसलाया,
फिर साथ लेकर उसको घर आयाl
पक्षी तो स्वयं ही उड़  सकता है,
मन किया तो फिर जा सकता है
मानव ने फिर ऐसा सोचकर,
एक पिंजरा लाया खोजकरl
पक्षी को फिर पिंजरे में डाल दिया,
फिर मनचाहा उससे काम लिया
पक्षी जो कल तक उन्मुक्त उड़ता था,
अपने साथियों के समूह में जुड़ता थाl
स्वतंत्रता उसकी सारी खो गई,
इच्छाएं उसकी अधीन हो गई
उस पक्षी को हम तोता कहते हैं,
गलती उसकी केवल यह थीl
बोली दूसरे की उसने कह दी,
तो प्यारे तुम भी यह ध्यान रखो
अपनी बोली पर ही अभिमान रखोl
अपने देश में रहकर तोते की तरह,
दूसरे की भाषा को बोलोगे
तो दिखे अथवा न दिखे पर धीरे-धीरे,
स्वयं से ही अपनी गुलामी ले लोगेll 

#अनूप सिंह 

परिचय : अनूप सिंह की जन्मतिथि-१८ अगस्त १९९५ हैl आप वर्तमान में दिल्ली स्थित मिहिरावली में बसे हुए हैंl कला विषय लेकर स्नातक में तृतीय वर्ष में अध्ययनरत श्री सिंह को लिखने का काफी शौक हैl आपकी दृष्टि में लेखन का उद्देश्य-राष्ट्रीय चेतना बढ़ाना हैl 

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।