बहुत अनुग्रह कीन्हों मोपर

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naveen acharya
बहुत अनुग्रह कीन्हों मोपर,
हे परमात्मा! हे परमेश्वर!
बहुत अनुग्रह कीन्हों मोपर।
तुम करुणा के सागर हो प्रभु,
तुझको अर्पण मैं क्या कर दूँ
जीवन पुष्प को तुमने खिलाया,
उसी को चरणों में तेरे धर दूँ
तुम करुणा के सागर हो प्रभु,
तुझको अर्पण मैं क्या कर दूँ।
सबके दाता,सबके ईश्वर,
बहुत अनुग्रह कीन्हों मोपर।
हे परमात्मा! हे परमेश्वर॥
राह दिखाई,चलना सिखाया,
अपनी छाँव में पलना सिखाया
तुम ही मेरे एकमेव आराध्य हो,
तेरे कारण संसार में बह ना पाया
और न मांगू कोई दूजा वर,
बहुत अनुग्रह कीन्हों मोपर।
हे परमात्मा! हे परमेश्वर॥
हर पल को जी लूँ,क्षण को जी लूँ,
तूने मुझको ‘कल’ ना सिखाया
पल को न भूलूँ मैं जीवन भर,
बहुत अनुग्रह कीन्हों मोपर।
हे! परमात्मा हे! परमेश्वर॥
तू ही सहारा,तू ही आसरा है,
हृदय में तू ही,तू ही भरा है
कैसे बाटूँ तुझको सबमें,
तू तो सबके भीतर ठहरा है
तेरे सिवा लागे मुझे सब नश्वर,
बहुत अनुग्रह कीन्हों मोपर।
हे! परमात्मा, हे! परमेश्वर॥
#आचार्य नवीन ‘संकल्प’
परिचय:आचार्य नवीन का साहित्यिक उपनाम-संकल्प है। आपकी जन्मतिथि-२१ फरवरी १९८९ और जन्म स्थान-ग्राम-बजीना(जिला-अल्मोड़ा,उत्तराखंड)है। वर्तमान में आप पतंजलि योगपीठ हरिद्वार(उत्तराखंड)में निवासरत हैं। उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार शहर से संबंध रखने वाले आचार्य नवीन की शिक्षा-बीए सहित पीजीडीएमए तथा दर्शन में आचार्य (पतंजलि योगपीठ हरिद्वार से)है। कार्यक्षेत्र में आप विभिन्न सेवा प्रकल्पों में सेवारत हैं और वर्तमान में योग प्रचारक विभाग का दायित्व निभाने के साथ ही सामाजिक क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। २०१२ से नौकरी छोड़कर पतंजलि योगपीठ के साथ मिलकर सामाजिक,सांस्कृतिक,आध्यात्मिक क्षेत्र में अहर्निश ही सेवा कर रहे हैं। अगर लेखन की बात की जाए तो कविता, संस्मरण,काव्य-रचना,लेख,कहानी,गीत और शास्त्रीय रचना का सृजन करते हैं। प्रकाशन में उपनिषद-सन्देश( उपनिषदों की काव्यमय रचना) पतंजलि योगपीठ द्वारा प्रकाशित है। आप ब्लॉग पर भी लेखन करते हैं। आपकी खासियत यह है कि,स्वतंत्र और अत्यंत आकस्मिक लेखन करते हैं। उपलब्धि यह है कि,पूज्य स्वामी रामदेव जी द्वारा चैनल के माध्यम से कई बार लेखन की प्रशंसा पा चुके हैं। आपकी दृष्टि में लेखन का उद्देश्य-मात्र विशुद्ध अभिव्यक्ति,सम्पूर्ण रिक्त,व्यक्त होने के भाव से भर जाना,चेतना का लेखन द्वारा ईक्षण करना तथा समय के साथ अपनी चेतना के स्तर पता करते जाना है।

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