ऊपर वाला जब मेहरबान

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niraj tyagi
करते है भाई करते है,सब अपना अपना काम।
चाहेगा जब ऊपर वाला,तभी होगा तेरा नाम।।
नंगे पांव धूप में दिन रात करते है कुछ लोग काम।
कुछ लोगो की किस्मत में धन बहुत,चाहे करे वो आराम।।
भाग्य जब तेरे साथ में,धन संपत्ति आएगी आपार।
भाग्य धोखा दे अगर,कुछ भी न पायेगा,चाहे कितने भी हाथ पैर मार।।
भाग्य की मार पड़े जब,तब धोखा मिले आपार ।
सच्चाई कितनी भी तुझमे,पर डंडे बड़े आपार।।
भाग्य अगर साथ हो तो दिमाग का मोटा भी तर जाएगा।
भाग्य ना हो साथ तो मेहनती बेचारा बीच भवर में फस जाएगा।।
मजदूर कितनी भी करले चाहे मेहनत मजदूरी।
पता नही कैसा भाग्य है उसका,धन से हमेशा रहे दूरी।।
कुछ जंतर मंतर और तंत्र ऐसा हो जाये।
करे कोई जितना काम बस उतना ही पाए।।
#नीरज त्यागी 

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