दिल्ली सरकार से प्रेरणा लें

0 0
Read Time3 Minute, 32 Second
vaidik
दिल्ली सरकार के एक लोक-कल्याणकारी काम पर उप-राज्यपाल ने मोहर लगा दी,यह अच्छा किया। वे यदि इसमें अड़ंगा लगाए रखते तो उनकी बदनामी तो होती ही,केन्द्र की भाजपा सरकार भी बुरी बनती। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यह इतनी अच्छी योजना शुरु की है कि वे अन्य नेताओं की तरह कोरे भाषणबाज नहीं,बल्कि सच्चे जनसेवक सिद्ध हो रहे हैं। उन्होंने दिल्ली राज्य में ऐसी व्यवस्था लागू कर दी है कि,दिल्ली के नागरिकों को ४० प्रकार की जनसेवाओं के लिए अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे,अधिकारियों की खुशामद नहीं करनी पड़ेगी और रिश्वत भी नहीं देनी पड़ेगी। इन जन-सेवाओं को सरकारी कर्मचारी लोगों के घर पहुंचकर देंगे,जैसे-सुबह अखबार विक्रेता घरों पर खुद जाकर अखबार फेंक आता है या दूधवाला आकर थैलियां पकड़ा जाता है। ये सेवाएं कई प्रकार की हैं। जैसे-अनुसूचितों के प्रमाण-पत्र,मोटरकारों के पंजीकरण प्रमाण-पत्र,कार-चालन लाइसेंस,विकलांगों और वृद्धों की पेंशन, मकानों के मिल्कियत दस्तावेज आदि। सरकार अपने कर्मचारियों के अलावा ये काम ठेके पर भी उठाएगी,ताकि लोगों को जल्दी से जल्दी राहत मिले। दिल्ली सरकार का यह अदभुत प्रयोग है। यदि देश के हर गांव की पंचायत और हर शहर की नगरपालिका तथा नगर निगम इस पद्धति का अनुकरण करने लगे तो देश के करोड़ों नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी। वे अभी नेताओं को कोसते हैं, फिर वे उन्हें दिल से दुआ देंगे। दिल्ली की ‘आप’ सरकार ने कुछ दिन पहले दुर्घटनाग्रस्त नागरिकों के मुफ्त इलाज की व्यवस्था भी की थी। उसने दिल्ली के मोहल्ले-मोहल्ले में स्वास्थ्य केन्द्र भी खोले हैं। ऐसे दल को चुनावों में हराना आसान नहीं है। इस बात को उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने अच्छी तरह समझ लिया और उन्होंने केजरीवाल सरकार के साथ सहयोग किया। उनके इस सुझाव पर भी केजरीवाल ने अमल करने का वादा किया है कि,तरह-तरह की सरकारी सेवाएं वे डिजिटल माध्यम से उपलब्ध करवाएंगे। उप-राज्यपाल का यह सुझाव भी मुख्यमंत्री ने मान लिया है कि,वे जगह-जगह ‘इंटरनेट कक्ष’ भी खुलवाएंगे ताकि आम लोगों को सरकारी सेवाओं का फायदा उठाने में ज्यादा सहूलियत हो जाए। यदि केजरीवाल सरकार और दिल्ली के उप-राज्यपाल इसी रचनात्मक शैली में काम करते रहे तो दिल्ली सरकार देश की प्रादेशिक सरकारों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन जाएगी।
 #डॉ.वेद प्रताप वैदिक

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

बेटी

Wed Jan 17 , 2018
बेटी तो बस बेटी है, बेटी एक तो शक्ति है। जगत की भी जननी है, बेटी को कमजोर न समझो। जब तक बेटी,बेटी है, लगती सबको छोटी है। सुन्दर प्यारी बच्ची है, दिल की बहुत ही सच्ची है। लक्ष्मी बनकर आती है, जब बेटी पैदा होती है। कन्यादान बेटी का […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।