प्रेस क्लब आए सुप्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता अखिलेन्द्र मिश्रा

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रंगमंच मेरी माँ है-श्री मिश्रा

इन्दौर। फ़िल्म की शूटिंग के लिए महेश्वर एवं मांडव से लौटते समय इन्दौर प्रेस क्लब में चर्चा के लिए सुप्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता व रंगकर्मी अखिलेन्द्र मिश्रा आए। इस मौके पर प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष प्रदीप जोशी एवं कोषाध्यक्ष संजय त्रिपाठी ने व मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नितेश गुप्ता, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शिखा जैन व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मणिमाला शर्मा ने उनका स्वागत किया।
श्री मिश्रा ने कहा कि ‘रंगमंच से ही मेरी पहचान हुई, और इसी माध्यम से फ़िल्म जगत् की यात्रा हुई है। रंगमंच मेरी माँ है।’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘वर्तमान में इतिहास के सुप्रसिद्ध पात्रों को जनता तक पहुँचाना आवश्यक है, उसी तारतम्य में कार्यरत हैं।

उन्होंने फ़िल्म, रंगमंच एवं साहित्य से जुड़े कई विषयों पर संबोधित किया। संयोजन मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने किया।
ज्ञात हो कि आपने चंद्रकांता में क्रूर सिंह सहित चंद्रशेखर आज़ाद, फ़िल्म सरफ़रोश में मिर्ची सेठ और लगान में अर्जन का किरदार निभाया। वर्तमान में स्वामी विवेकानंद के जीवन पर एकल नाटक का मंचन कर देशभर में ख्याति पा रहे। हैं, साथ ही, आपने अब तक तीन पुस्तकें ‘अखिलामृतम्’, ‘अभिनय, अभिनेता और अध्यात्म’, व ‘आत्मोत्थानम्’ लिखी हैं।
इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सुधा चौहान, पत्रकार सुधाकर सिंह, मुकेश तिवारी, मार्टिन पिंटो, सुरभि भावसार, बालकृष्ण मुळे, नवीन मौर्य, संदीप जैन, सौरभ सिंह पँवार, लोकेश पाल, अशोक गौड़, अंशिका गुप्ता, मोहित मण्डलोई आदि मौजूद रहे।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।