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माँ ही मेरी दुनिया,माँ ही जहान है,
दुनिया के सभी रिश्तों में माँ ही महान हैl
माँ मेरी लक्ष्मी,माँ ही सब भगवान है,
माँ तेरा बेटा अभी भी नादान हैl
जब कोई संकट में रहता है,
तो माँ का आँचल ही सिर पर पाता हैl
इसलिए दौड़कर माँ के चरणों में चला आता है,
जब माँ के कदमों में सिर को झुकाता है
जन्नत का मज़ा माँ के कदमों में ही पाता हैl
कैसे कोई बेटा माँ को छत से फेंक देता है,
कैसे माँ के प्यार को यूँ ही भुला देता है ?
कैसा है वो बेटा,जो माँ को वृद्धाश्रम छोड़ जाता है ?
कैसे इतना निष्ठुर बन रिश्ते को तोड़ आता हैl
पूरे दिन की भागदौड़ से जब थककर वापस आता है,
खुशियों की बारिश होती,जब माँ के आँचल तले खुद को पाता हैl
उज्जवल माँ का निश्छल प्रेम शब्दों में बयां करता है,
सब माँ हमेशा खुश रहें,बस यही दुआ करता हैll
#उज्जवल कुमार झा
परिचय : उज्जवल कुमार झा की जन्मतिथि-३०जून १९९७ और जन्म स्थान-बसुआरा(दरभंगा,बिहार)है। आपका स्थाई पता बसुआरा ही है। बिहार शहर-बसुआरा के उज्जवल झा वर्तमान में स्नातक के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत हैं। आपकी लेखन विधा-कविता,कहानी और गीत है। आपको प्रतिभा सम्मान सहित अन्य पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं। उपलब्धि साहित्य टाइम्स टीवी पर कार्यक्रम आना है। लेखन का उद्देश्य-समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करना और चेतना जागृत करना है।
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